उत्तर प्रदेश में यहां नहीं खरीद सकेंगे जमीन, 69 किलोमीटर हाईवे का किया जाएगा चौड़ीकरण

Aligarh-Palwal Highway : बाईपास निर्माण और अलीगढ़-पलवल हाईवे की चौड़ीकरण के लिए लगभग 2500 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। NHAI इस दौरान 58 गांवों में जमीन खरीदना है। NHAI ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने तक इन गांवों की जमीन खरीदने या बेचने की कोई भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। NHAI ने इस बारे में पत्र भेजा, जिसके बाद प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी।
 

Uttar Pradesh : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) जल्द ही गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में दुहाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए हाईवे को चौड़ी करेगा। अलीगढ़-पलवल हाईवे, जो राज्य को दिल्ली-एनसीआर से जोड़ता है, को चौड़ा किया जाएगा और एक बाईपास बनाया जाएगा। इस दौरान सड़क पर आने वाले गांवों में जमीन खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई गांव प्रभावित होंगे। बता दें कि पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय विभाग ने अलीगढ़-पलवल हाईवे का निर्माण किया था, जिसकी लागत 552 करोड़ रुपये थी। पीडब्ल्यूडी करीब 67 किमी लंबे हाईवे को बनाने में पांच वर्ष लगे।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पीडब्ल्यूडी ने हाईवे का निर्माण पिछले साल मार्च 2022 में एनएचएआई को सौंप दिया था। ध्यान दें कि यह राजमार्ग तीन राज्यों को एक दूसरे से जोड़ता है, साथ ही दिल्ली-एनसीआर को भी सीधा लाभ मिलता है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोग इससे लाभ उठाते हैं। वहीं, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को चौड़ीकरण और बाईपास बनाने की अनुमति दी है।

2500 करोड़ रुपये का आएगा, खर्च

बाईपास निर्माण और अलीगढ़-पलवल हाईवे की चौड़ीकरण के लिए लगभग 2500 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। NHAI इस दौरान 58 गांवों में जमीन खरीदना है। NHAI ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने तक इन गांवों की जमीन खरीदने या बेचने की कोई भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। NHAI ने इस बारे में पत्र भेजा, जिसके बाद प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी।

पलवल-अलीगढ़ के ये गांव होंगे, प्रभावित

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अलीगढ़-पलवल हाईवे के चौड़ीकरण और बाईपास के निर्माण के दौरान हरियाणा के पलवल जिले के लगभग 58 गांव प्रभावित होंगे, साथ ही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के 30 गांव भी प्रभावित होंगे. गांव की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस काम को तेजी से पूरा किया जाएगा।