उत्तरप्रदेश में बनेगा वेस्ट का सबसे बड़ा नया रेलवे स्टेशन, 12 प्लेटफार्म से रोजाना चलेगी 100 ट्रेनें

UP News : पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश विकास के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में देश में सर्वश्रेष्ठ है। अब उत्तर प्रदेश में पश्चिमोत्तर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बन जाएगा। यह आधुनिक स्टेशन दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते ट्रैफिक को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। ताकि ट्रेनों का आराम से रखरखाव किया जा सके, इस रेलवे स्टेशन पर 12 प्लेटफार्म और 63 यार्ड लाइनें बनाई जाएंगी। 

 

Uttar Pradesh News : पश्चिमी उत्तर प्रदेश (West UP) का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन अब उत्तर प्रदेश में बनने जा रहा है. यह राज्य की इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि का संकेत होगा और दिल्ली-NCR क्षेत्र पर ट्रैफिक दबाव को कम करेगा। वंदे भारत एक्सप्रेस भी यहां से चलेगी। 176 हेक्टेयर टर्मिनल वाले मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) में इनका समावेश होगा। 46 हेक्टेयर में टर्मिनल होगा। यह छह प्लेटफॉर्म और मरम्मत के लिए छहतीस यार्ड लाइनों से बना होगा। स्टेशन का डिजाइन विभिन्न स्तरों पर निर्भर करेगा। जो ग्राउंड पर ट्रेन चलेगा और ऊपर रिटेल, ऑफिस और होटल होंगे। गौतमबुद्ध नगर में ग्रेटर नोएडा टर्मिनल रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। यह "मेगा" टर्मिनल है।

खर्च दोगुना हो जाएगा

MMTH एक प्रारंभिक परियोजना है जो DMIC (Delhi-Mumbai Industrial Corridor) में शामिल है। ये मेट्रो और टर्मिनल ग्रेटर नोएडा, नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के अन्य स्थानों से यात्रियों को यहां लाएगा। इस हब के मध्य में ग्रेटर नोएडा टर्मिनल होगा। ये एक पुराना स्टेशन होगा। बिल्टअप क्षेत्र का क्षेत्रफल 70,000 वर्ग मीटर होगा। शुरुआत में लगभग 1,850 करोड़ रुपये का खर्च हुआ था। अब इसे बनाने में लगभग दो गुना ज्यादा पैसा खर्च होगा।

जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया तेज होगी

ध्यान दें कि MMTH को दिसंबर 2024 में विशेष रेलवे परियोजना का दर्जा मिला था। अधिकारियों ने कहा कि रेलवे कानून जल्दी लागू होगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने में दो महीने लगेंगे। MMTH की कुल 176 हेक्टेयर लैंड में से रेलवे की जमीन ही एकमात्र हिस्सा है जिसका अधिग्रहण किया जाना बाकी है।  शेष जमीन पहले ही अधिग्रहण की गई है। प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने पर निर्माण कार्य शुरू होगा।

100 ट्रेनें चलाया जाएगा

वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों को इस टर्मिनल से चलाया जाएगा।  स्टेशन पर 12 प्लेटफॉर्म और 63 यार्ड लाइनें बनाई जाएंगी ताकि ट्रेनों का रखरखाव आसानी से किया जा सके। स्टेशन का डिज़ाइन भी बहुत अलग होगा। ऊपरी मंजिलों पर रिटेल शॉप्स, ऑफिस और होटल जैसी सुविधाएं होंगी, वहीं नीचे ट्रेनों की आवाजाही होगी। वर्तमान में DMIC- IITGNL MMTH का मास्टर प्लान बना रहा है। एसपीवी को अंतिम रूप देने के बाद खाका राज्य सरकार को भेजा जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय रेलवे ही बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगा और एसपीवी परियोजना का खर्च उठाएगा। कोच रखरखाव यार्ड, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और जल उपचार संयंत्र (WTP) भी बनाए जाएंगे।

आईएसबीटी और आंनद विहार में भीड़भाड़ कम होगी

पूरी जगह दो भागों में होगी। जोन-फर्स्ट 130 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें ISBT, स्थानीय बस स्टेशन, मेट्रो स्टेशन और औद्योगिक क्षेत्र शामिल होंगे। जोन-सेकेंड का क्षेत्र 46 हेक्टेयर है। जिसमें रेलवे टर्मिनल और उससे जुड़े व्यापारिक विकास शामिल होंगे। अधिकारियों ने कहा कि MMTH भविष्य में एक ट्रांजिट गेटवे होगा और ISBT और आनंद विहार रेलवे स्टेशन जैसे मौजूदा केंद्रों पर भीड़भाड़ कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।