राजस्थान में यहां बढ़े प्रॉपर्टी के रेट, दूसरे राज्यों से खरीदने वालों का लगा ताँता
राजस्थान का यह शहर गैर मेट्रो शहरों के मामले में रियल एस्टेट निवेशकों का अड्डा बन गया है. हाल ही में यह शहर देश के 10 बड़े रियल एस्टेट शहरों में शामिल हो गया.
Saral Kisan, jaipur news : राजस्थान की राजधानी जयपुर को रियल एस्टेट के मामले में गैर मेट्रो शहरों में टॉप 10 में शामिल कर लिया गया है. शहर के बुनियादी ढांचे में दिन-रात हो रहे विकास को देखते हुए आने राज्यों के लोगो का यहां पर जमीन खरीदने का इंटरेस्ट बड़ा है।
इन्हीं दिनों में एक निजी कंपनी द्वारा किया गया सर्वे सामने आया है। जयपुर में दिन रात हो रहे विकास को देखते हुए और दिल्ली जयपुर एक्सप्रेसवे और मेट्रो फेस टू की कार्रवाई तेज होने की वजह से प्रॉपर्टी में वार्षिक 10% से अधिक उछाल की उम्मीद है.
रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि जयपुर में निवेश करने वालों के लिए एक आकर्षक बनता जा रहा है. जयपुर के कई हिस्सों में लोग आवासीय वाणिज्यिक और लॉजिस्टिक से संबंधित प्रॉपर्टी में अपना इंटरेस्ट दिखा रहे हैं। सर्वे में बताया गया है कि टोंक रोड अजमेर रोड जगतपुरा वैशाली नगर जैसे क्षेत्र आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
देश के इन बड़े शहरों को किया गया शामिल
रिपोर्ट में बताया गया कि बड़ोदरा, अहमदाबाद, सूरत, नासिक, गांधीनगर, जयपुर, नागपुर, भुनेश्वर, विशाखापट्टनम और पुणे को शामिल किया गया है जहां पर प्रॉपर्टी के रेटों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है.
कहाँ पहुंचा किराया (प्रति वर्ग फ़ीट)
इन इलाकों में अगर रेंट वाली प्रॉपर्टी की बात की जाए तो प्रति वर्ग फीट के हिसाब से अजमेर रोड पर 10 से 15, जगतपुरा 10 से 17, वैशाली नगर 11-20 और मानसरोवर 10-17 रूपए तक पहुँच चुका है.
क्यों हुई मांग मे बढ़ोतरी
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को जयपुर बांदीकुई एक्सप्रेस वे से जोड़ने पर जयपुर तक का सफर आसान हो गया।
मेट्रो फेस टू का काम शुरू होने पर शहर के बाहरी इलाकों में आना-जाना आसान हो जायेगा।
पारंपरिक बिजनेस के साथ-साथ आईटी और बिजनेस हब के रूप में भी पहचान बनाई जा सकती है।
मेट्रो से आना जाना अन्य परिवहन साधनों के तुलना में काफी सस्ता और आसान होता है जिससे मेट्रो सिटी को बेहतर कनेक्टिविटी की मांग बढ़ती जा रही है.
बढ़ेगी मांग
जयपुर में ई-कॉमर्स ऑन मैन्युफैक्चरिंग की मांग बढ़ती जा रही है। जिससे उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही यह लॉजिस्टिक हब बन जाएगा। जिसकी वजह से वेयरहाउसिंग में रियल एस्टेट निवेश की 39% हिस्सेदारी है।