हरियाणा के इस शहर में जल्द शुरू होगा आर्बिटल रेल कॉरिडोर, वाहन चालकों को मिलेगी राहत
गुरुग्राम में हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर का मानेसर से पातली तक का खंड शुरू हो गया है। इससे सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा, प्रदूषण में कमी आएगी और डीजल की बचत होगी। अब कारों को देश के विभिन्न हिस्सों में समय पर पहुंचाया जा सकेगा। इस परियोजना से कंपनी और आम जनता दोनों को लाभ होगा क्योंकि ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण का स्तर भी घटेगा।
Saral Kisan, Haryana Orbital Rail Corridor : हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर के आइएमटी मानेसर मारुति प्लांट से पातली रेलवे स्टेशन तक का भाग मंगलवार से चालू हो जाएगा। इसके शुरू होने से आइएमटी मानेसर और आसपास का दृश्य बदलना शुरू हो जाएगा। जहां सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव काफी कम हो जाएगा, वहीं प्रदूषण का स्तर भी घटेगा। डीजल की बचत होगी, और समय पर देश के विभिन्न इलाकों में या बंदरगाहों तक कारें पहुंचाई जा सकेंगी। कई बार हादसों या ट्रैफिक जाम के कारण ट्रेलर पातली स्टेशन तक समय पर नहीं पहुंच पाते हैं। भारी वर्षा के दौरान जलभराव होने पर भी दिक्कत आती है।
हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचआरआइडीसी) द्वारा पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच किया जा रहा है। कॉरिडोर का मारुति प्लांट से पातली रेलवे स्टेशन तक का लगभग सात किलोमीटर भाग तैयार हो चुका है। इसका शुभारंभ मंगलवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
शुभारंभ के साथ ही एक मालगाड़ी में कारें लोड की जाएंगी। इसके लिए मारुति प्लांट के परिसर में यार्ड बना दिया गया है। यार्ड में ही पातली स्टेशन से मालगाड़ियां आएंगी और उनमें कारें लोड की जाएंगी। फिलहाल कारों को ट्रेलरों के माध्यम से स्टेशन तक पहुंचाया जाता है। पहले ट्रायल किया जा चुका है लेकिन कुछ दिन एक-दो कारों से भरीं मालगाड़ियां को भेजकर देखा जाएगी की स्तर पर सिस्टम में कमी तो नहीं। आवश्यकतानुसार मालगाड़ियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके बाद धीरे-धीरे आवश्यकतानुसार मालगाड़ियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। कंपनी ने हर साल साढ़े चार लाख कारें प्लांट के यार्ड से मालगाड़ियों में लोड करने का लक्ष्य रखा है। बताया जाता है कि प्रतिदिन औसतन 500 ट्रेलरों का इस्तेमाल कारों को पातली स्टेशन तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।
यही नहीं, ऑटो पार्ट्स भी देश के विभिन्न इलाकों से प्लांट में मालगाड़ियों से आएंगे। ऑटो पार्ट्स के लिए कंटेनर का उपयोग किया जाता है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आइएमटी मानेसर और आसपास की सड़कों पर भारी वाहनों का कितना दबाव रहता होगा।
वर्ष 2027 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट। पूरा प्रोजेक्ट वर्ष 2027 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। कॉरिडोर पर ही अरावली पहाड़ी इलाके में 4.7 किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर टनल बनाई जा रही है। इसका काफी तेजी से काम चल रहा है। कॉरिडोर पर सोनीपत की तरफ से तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, मानेसर, चंदला डूंगरवास, धूलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल में स्टेशन बनाए जाएंगे। कॉरिडोर से सोनीपत के खरखौदा स्थित मारुति प्लांट भी सीधे जुड़ेगा। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर को पृथला एवं तावड़ू में जोड़ा जाएगा।
हरियाणा आर्बिटल रेल प्रोजेक्ट की लंबाई पलवल से सोनीपत तक 126 किलोमीटर है। प्रोजेक्ट के निर्माण पर कुल 5618 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। अरावली पहाड़ी इलाके में 4.7 किलोमीटर लंबी टनल (अप-डाउन) होगी। दोनों टनल की ऊंचाई इतनी होगी कि डबल स्टैक कंटेनर कॉरिडोर से गुजर सकें। प्रोजेक्ट केएमपी एक्सप्रेसवे के साथ-साथ विकसित किया जा रहा है। प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद प्रतिदिन पांच करोड़ टन माल की ढुलाई संभव होगी। इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियों के साथ ही पैसेंजर ट्रेनें भी चलेंगी। कॉरिडोर पर 160 किलोमीटर तक प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी।
कॉरिडोर के चालू होने से कंपनी को तो लाभ होगा ही, आम जनता को अधिक लाभ होगा। ट्रैफिक का दबाव कम होगा, प्रदूषण का स्तर कम हो जाएगा और डीजल की भारी बचत होगी। ट्रैफिक का दबाव और प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। खुशी है कि मारुति प्लांट से लेकर पातली रेलवे स्टेशन तक भाग चालू होने से आमजन को लाभ होगा। - आरसी भार्गव, चेयरमैन, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड