उत्तरप्रदेश के दो जिलों को जोड़ेगा नया एक्सप्रेसवे, 5000 करोड़ में होगा 41 गांवों से जमीन अधिग्रहण
उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार दो जिलों को आपस में जोड़ने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाने वाली है। जिससे 41 गांव की कनेक्टिविटी में तगड़ा बदलाव आएगा।
Saral Kisan, Uttar Pradesh New Expressway : उत्तर प्रदेश के दो जिलों के बीच जल ही नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा जिससे 41 गांव का आवागमन बहुत ही आसान हो जाएगा। जल्द ही नोएडा से अलीगढ़ तक एक नया राजमार्ग बनाने की तैयारी कर रही है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी किस काम को तेजी से कर रही है।
आपको बता दें कि अब नोएडा से अलीगढ़ जाना बहुत ही आसान हो जाएगा. क्योंकि नोएडा से अलीगढ़ के बीच एक नया राजमार्ग बनने जा रहा है। केंद्र सरकार ने लोगों को यातायात की सुविधा में आसानी लाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार नोएडा से अलीगढ़ के बीच एक नया राजमार्ग बनाने जा रही है जिसके लिए ग्रेटर नोएडा के 36 और अलीगढ़ के पांच गांव शामिल किए गए हैं।
जल्द होगा जमीन अधिग्रहण
एक्सप्रेसवे बनाने के लिए इन गांव से करीबन 13300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा बता दें कि इस अधिग्रहण की प्रक्रिया में विषयों को शामिल नहीं किया जाएगा। परियोजना के लिए किसानों से सीधा संपर्क किया जाएगा। Yeida ने बताया कि अधिग्रहण का पूरा पैसा किसानों के खातों में सीधा आएगा।
सरकार की घोषणा
सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए और किसानों को पारदर्शी तरीके से पैसा पहुंचाने के लिए योजना बनाई है। क्योंकि इसकी वजह से किसानों को उनकी जमीन का उचित मूल्य मिल पाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे से आसपास के इलाकों को नया एक्सप्रेस पर जोड़ रहा है। यहां पर सरकार लॉजिस्टिक हब और कॉरिडोर बनाने की योजना बना रही है जिससे व्यापार बढ़ेगा और नौकरियां मिलेगी।
हुई बैठक
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस परियोजना को लेकर चर्चा की और प्रयोजन का बजट 900 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया गया। बता देंगे जमीन अधिग्रहण के लिए 5000 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए बची हुई राशि का इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने तेल क्रांतिकारी अगुवाई करते हुए सरकार का लक्ष्य सिर्फ सड़क कनेक्टिविटी को बढ़ाना नहीं बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी मजबूती लाना है। ऐसे में लोगों का समय बचेगा और यात्रा सुरक्षित होगी।