राजस्थान में रेत के ऊपर से बिछेगा नया एक्सप्रेसवे, इन शहरों से गुजरेगा हाई स्पीड रूट

New Greenfield Expressway : ब्यावर-गोमती राजमार्ग बनाने के लिए एनएचएआई को डीपीआर बनाना होगा। इसके लिए उन्नीस महीने का समय है। ब्यावर से भरतपुर तक सड़क बनाने का सर्वे किया जाएगा. अनुमानित खर्च के बाद बजट मिलेगा और काम शुरू हो सकेगा। गौरतलब है कि राजस्थान के पिछले साल के बजट में नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गई थी।
 

Rajasthan News : आने वाले दो वर्षों में ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने पिछले बजट में घोषित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण अब शुरू हो गया है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHI) ब्यावर से भरतपुर तक एक 342 किलोमीटर का एक्सप्रेस बनाने के लिए जिम्मेदार है। जनवरी में डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद सर्वे कार्य शुरू हो गया है।

ब्यावर-गोमती राजमार्ग बनाने के लिए एनएचएआई को डीपीआर बनाना होगा। इसके लिए उन्नीस महीने का समय है। ब्यावर से भरतपुर तक सड़क बनाने का सर्वे किया जाएगा. अनुमानित खर्च के बाद बजट मिलेगा और काम शुरू हो सकेगा। गौरतलब है कि राजस्थान के पिछले साल के बजट में नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गई थी।

इनमें से एक एक्सप्रेस-वे ब्यावर से भरतपुर जाता था। योजना को लागू करने का काम अब जाकर शुरू हुआ है। बजट में इस वर्ष सड़कों को लेकर विशेष परियोजनाएं शामिल हैं। जिले में भी कई नए काम शुरू होंगे। बजट में राज्य राजमार्गों, बायपास राजमार्गों, फ्लाई ओवर, एलिवेटेड राजमार्गों, आरओबी, आरयूबी, ब्रिज निर्माण और सड़कों की मरम्मत और सुधार को शामिल करने वाले कई विकास परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा।

भरतपुर के एनएच-21 तक बनेगा

बजट में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की निर्माण प्रक्रिया पर जोर दिया गया है। NHC-58 से भरतपुर एनएच-21 तक 342 किलोमीटर लंबी नई राजमार्ग बनेगा। खास बात यह है कि नए मार्गों में ऐसे मार्ग भी शामिल होंगे जहां अब तक कनेक्टिविटी नहीं है। 9 एक्सप्रेस-हाईवे बनेंगे कुल मिलाकर। करीब 2 हजार 756 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी। वर्तमान में ब्यावर से भरतपुर जाने में 370 किलोमीटर की दूरी तय करने में 7 से 8 घंटे लगते हैं।

ऐसा होगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे

मैदानों या खेतों के बीच से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे हटाया जाएगा। समतल जमीन और शहर से दूर होने के कारण भीड़ भी कम है। इसलिए एक्सप्रेस-वे बनाना और उच्च गति पर गाड़ी चलाना आसान है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की खासियत यह है कि इसके सभी रास्तों को इंटरकनेक्ट किया जाएगा। हाइवे कम आबादी वाले क्षेत्रों और खाली जमीन के बीच बनाए जाएंगे। वाहनों की स्पीड को बरकरार रखने के लिए घुमाव भी कम होगा। इसके बनाने से अर्थव्यवस्था और पर्यटन दोनों बढ़ेंगे। बताया जा रहा है कि पूरे मार्ग में निर्धारित कट के अलावा कोई भी गाड़ी नहीं चल सकेगी।

फैक्ट फाइल

कुल लंबाई: 342 किमी
लागत: 14010 करोड़
जमीन अधिग्रहण: 3175 हैक्टेयर
रूट: गुलाबपुरा, केकड़ी, टोडारायसिंह, उनियारा, टोंक, निवाई, भरतपुर

ब्यावर-भरतपुर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की डीपीआर एनएचएआई को सौंप दी गई है। सर्वे को करीब 18 महीने का समय दिया गया है। हम अभी कह नहीं सकते कि ब्यावर की शुरुआत कहां से होगी।