राजस्थान में बदहाल नेशनल हाईवे 27 बनेगा चकाचक, केंद्र सरकार खर्च करेगी 134 करोड रुपए

Kota-Baran National Highway: नेशनल हाईवे 27 पर गहरी गाड़ी लगातार हादसों का कारण बन रहे हैं. साथ ही 104 किलोमीटर के हिस्से में आने-जाने के दौरान सफर करने का समय भी ज्यादा लग रहा है. लेकिन अब 134 करोड रुपए की मदद से इस हाइवे को चकाचक बनाया जाएगा.
 

Saralkisan, Rajasthan: राजस्थान में नई सड़क परियोजनाओं के साथ-साथ पुरानी बदहाल सड़कों की भी स्थिति सुधारी जा रही है. बरसाती मौसम में इन सड़कों में जगह-जगह गड्ढे की वजह से आमजन का सफर करना मुश्किल भरा हो गया है. केंद्र सरकार की तरफ से नेशनल हाईवे-27 को 134 करोड रुपए के बजट से चकाचक बनाया जाएगा. वर्तमान समय में यह 104 किलोमीटर लंबा हिस्से में आमजन का सफर करना मुश्किल भरा हो गया है. परंतु अब बजट मंजूरी मिलने के बाद इस हाइवे के हालात सुधरने वाले हैं. जल्द ही सड़क के नवीनीकरण को लेकर कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

हाईवे पर पीछे की नई परत 

प्रदेश में कोटा और बारां जिले के बीच जगन्नाथपुरा से लेकर भंवरगढ़ तक के नेशनल हाईवे 27 पर नई डामर की परत बिछाने का कार्य शुरू किया जाएगा. कंपनी को ठेका मिलने के बाद डामर प्लांट का निर्माण करना शुरू कर दिया है. सड़क के हालात सुधारने के लिए कंपनी के पास 18 महीनों का समय है. कंपनी अगर निर्धारित समय में कार्य पूरा करती है तो 104 किलोमीटर के बदहाल हिस्से में आवागमन आसान हो जाएगा.

चौक चौराहों पर होगी रोशनी

हाईवे की स्थिति सुधारने के साथ-साथ किनारे के गांवों में एंट्री पॉइंट, शहर और आबादी वाले क्षेत्र के चौक चौराहों पर लाइटें लगाई जाएगी. इस कार्य के लिए 10 करोड रुपए खर्च होंगे. एंट्री और एग्जिट प्वाइंट लाइटों की रोशनी होने के कारण दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी. 134 करोड़ की लागत से नेशनल हाईवे 27 की तस्वीर बदल जाएगी. साथ ही सड़क का नवीनीकरण होने के बाद कहीं-कहीं जाम जैसी स्थिति का भी सामना नहीं करना पड़ेगा.

पहले 208 करोड़ हुए थे खर्च

कुछ साल पहले भी नेशनल हाईवे-27 की मरम्मत का कार्य किया गया था. उसे दौरान 208 करोड रुपए खर्च हुए. परंतु अधिकारियों द्वारा कम निगरानी और घटिया निर्माण सामग्री के चलते कुछ ही समय में नहीं बिछाई गई परत उखड़ गई. तभी से इस हाइवे पर हादसों का सिलसिला लगातार देखने को मिल रहा था. इस बार सड़क का नवीनीकरण कार्य शुरू होने से पहले लोगों द्वारा क्वालिटी को लेकर ध्यान देने के बारे में मांग उठाई जा रही है.