मध्य प्रदेश में सरकारी प्रोजेक्ट के लिए हुई जमीन अधिग्रहण पर मुहावजा नहीं बल्कि ये सुविधा मिलेगी, देखें नया नियम

MP News : मध्य प्रदेश में अब जमीन अधिग्रहण के बदले नगद मुआवजा नहीं दिया जाएगा। मध्य प्रदेश के चार शहरों में अब सरकारी प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण होने पर नगद मुआवजे की बजाय उतनी ही जमीन पर दोगुनी फ्लोर एरिया रेशियो में निर्माण में छूट प्राप्त होगी.

 

Madhya Pradesh Land Acquisition Rule : प्रदेश के चार शहरों इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में सरकारी प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित जमीन के अधिग्रहण पर अब नकद मुआवजा नहीं मिलेगा। जमीन अधिग्रहण के बदले में उसी जमीन पर फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) से दोगुने पर निर्माण की अनुमति होगी। हस्तांतरणीय  विकास अधिकार (टीडीआर) के रूप में है। यह एफएआर, हिस्से की तरह ही उसी शहर में 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ाई की जारी सड़क के किनारे दोगुनी गहराई तक मान्य नहीं होगा। भोपाल के कमिश्नर एवं सह संचालक नगर एवं ग्राम नियोजन श्रीकांत बनोठ के अनुसार आपत्तियों पर जल्द सुनवाई कर प्रस्ताव विभाग को भेजेंगे। अन्य शहरों के प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके हैं। 

अन्य राज्यों का सुझाव

भोपाल और इंदौर नगर निगम पहले ही टीडीआर पर क्षेत्राधिकार प्राप्त करने के संबंध में सुझाव दे चुके हैं। नगरीय निकायों का मानना ​​है कि चूंकि उन्हें सड़क आदि परियोजनाएं बनानी हैं, इसलिए उन्हें क्षेत्राधिकार घोषित करने का अधिकार होना चाहिए। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात जैसे राज्यों का सुझाव देते हुए नगरीय निकाय टीडीआर प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार मांग रहे हैं। फिलहाल यह अधिकार टीएनसीपी संचालक के पास है।

एफएआर कैसे बढ़ेगा? क्या लाभ होगा?  

मान लीजिए आपके पास 1000 वर्ग फीट जमीन है और मास्टर प्लान के अनुसार आप इस पर 1.25 के एफएआर पर 1250 वर्ग फीट में निर्माण कर सकते हैं। अगर यह जमीन सड़क या किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए ली जाती है तो आपको कम से कम दोगुना निर्माण प्रमाण पत्र मिलेगा। टीडीआर के तहत 0.5 एफएआर ज्यादा मिलेगा। यानी 1.25 की जगह 1.75 एफएआर का इस्तेमाल होगा। यानी 1000 वर्ग फीट के प्लॉट पर 1250 वर्ग फीट निर्माण किया जा सकेगा। वहां 1750 वर्ग फीट निर्माण किया जा सकेगा। 

इस प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कैसे होगा?

आप या तो खुद प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर 24 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़क के किनारे कम से कम 50 यूनिट के हिसाब से बेच सकते हैं। क्या हर प्रोजेक्ट में ऐसा होगा। जानकारी के लिए बता दे की टीडीआर में सिर्फ जमीन का मुआवजा देने की प्रक्रिया बदलेगी। अधिग्रहण की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अधिग्रहण से पहले अधिसूचना जारी की जाएगी।  बता दे की आपत्ति और सुनवाई का मौका भी दिया जाएगा। बताया जाएगा कि मुआवजे के तौर पर टीडीआर आपको कैसे मिलेगा। उसके बाद ही फिर अंतिम फैसला लिया जाएगा।