UP में नई रेलवे के लिए 112 गांवों में होगा जमीन अधिग्रहण, बनेंगे 11 नये रेलवे स्टेशन 
 

Uttar Pradesh News: आजादी के बाद से इस क्षेत्र में नई रेलवे लाइन की मांग उठती रही थी, जिसकी स्वीकृति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 17 दिसंबर 2019 को हुई कैबिनेट बैठक में दी गई थी। अब, रेलवे प्रशासन द्वारा स्टेशन स्थलों का चयन कर लिया गया है और कई हिस्सों में निर्माण गतिविधि भी प्रारंभ हो चुकी है।

 

UP News: पूर्वांचल के लोगों को लंबे समय से जिस रेल परियोजना का इंतजार था, वह अब तेज गति से आकार लेती दिख रही है। गोरखपुर से वाराणसी, छपरा और प्रयागराज के लिए अधिक सुगम और सीधा रेल मार्ग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रस्तावित सहजनवा–दोहरीघाट नई रेल लाइन परियोजना में निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। आजादी के बाद से इस क्षेत्र में नई रेलवे लाइन की मांग उठती रही थी, जिसकी स्वीकृति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 17 दिसंबर 2019 को हुई कैबिनेट बैठक में दी गई थी। अब, रेलवे प्रशासन द्वारा स्टेशन स्थलों का चयन कर लिया गया है और कई हिस्सों में निर्माण गतिविधि भी प्रारंभ हो चुकी है।

81 किलोमीटर लंबी लाइन, 1320 करोड़ का बजट

रेलवे के आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार इस नई ब्रॉडगेज लाइन की कुल लंबाई 81.17 किलोमीटर होगी, जिसके लिए 1320 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। परियोजना को तीन चरणों में विभाजित किया गया है

1 - पहला चरण – सहजनवा से बांसगांव (32.95 किमी)

लक्ष्य वर्ष 2027 तक पूरा करना

2 - दूसरा चरण – बांसगांव से बड़हलगंज (36.80 किमी)

तीसरा चरण – बड़हलगंज से न्यू दोहरीघाट (11.42 किमी)

सहजनवा–पिपरौली खंड में तिनहरा, बनौडा और बेलवा डाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी भराई का काम प्रारंभ हो चुका है। पुलिया निर्माण और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है।

112 गांवों में भूमि अधिग्रहण, स्पेशल प्रोजेक्ट के चलते बढ़ी रफ्तार

परियोजना के लिए कुल 403.29 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। इनमें से 57.19 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है, जबकि बाकी क्षेत्रों में भी कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है। पहले चरण में सहजनवा से बांसगांव के बीच  आवश्यक 44.37 हेक्टेयर भूमि का अधिकतर हिस्सा अधिग्रहित हो चुका है और शेष प्रक्रिया अंतिम दौर में है। दूसरे और तीसरे चरण में भी बड़े पैमाने पर जमीन चिन्हांकन एवं अधिग्रहण का कार्य जारी है। रेलवे ने इस परियोजना को "स्पेशल प्रोजेक्ट" में शामिल किया है, जिससे फाइलों की मंजूरी, भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाएं और इंजीनियरिंग कार्य युद्धस्तर पर आगे बढ़ रहे हैं।

मार्ग पर बनेंगे 11 नए रेलवे स्टेशन

नई रेल लाइन के साथ-साथ 11 स्टेशनों का भी निर्माण प्रस्तावित है। इनके संभावित जगह इस प्रकार होंगे 

पिपरौली – सहजना, खजनी – छताई, उनवल – बढ़नी, बैदौली बाबू – बैदौली बाबू, बांसगांव – मंझगांवा, ऊरुवा बाजार – गौरखास, बनवारपार – बाथखुर्द, गोला बाजार – रीमा,भरौली – मरचीयार बुजुर्ग, बड़हलगंज – तिहा मोहम्मदपुर, न्यू दोहरीघाट – बुढ़ावल बनने संभावित हैं. इन स्टेशनों के बनने से दक्षिणांचल के यात्रियों को गोरखपुर तक पहुंचने में लगने वाला समय और दूरी दोनों में कमी आएगी।

सरयू नदी पर बनेगा 1200 मीटर का विशाल रेल पुल

परियोजना के सबसे बड़े इंजीनियरिंग ढांचे में सरयू नदी पर बनने वाला लगभग 1200 मीटर लंबा रेल पुल शामिल है। इसे इस रूट का सबसे महत्वपूर्ण स्ट्रक्चर माना जा रहा है। इसके अलावा 2 ओवरब्रिज, 15 अंडरपास, 11 बड़े पुल, 47 छोटे पुल  का निर्माण भी योजना में शामिल है। कई स्थानों पर प्रारंभिक खंभे, एम्बैंकमेंट और अंडरपास की नींव का निर्माण शुरू हो चुका है।

परियोजना पूरी होने से बदलेगा पूर्वांचल का रेल नक्शा

गोरखपुर–वाराणसी, छपरा और प्रयागराज के बीच दूरी और यात्रा समय कम होगा। दक्षिणांचल के कस्बाई इलाकों से मुख्य शहरों तक पहुंचना अधिक सुगम होगा। औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। क्षेत्र में पर्यटन, रोजगार और कृषि–आधारित उद्योगों को नया प्रोत्साहन मिलेगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यह परियोजना पूर्वांचल के लिए "गेम चेंजर" साबित होगी, क्योंकि आजादी के बाद से यह रेल लाइन केवल सपना थी, जो अब धरातल पर तेजी से उतरती दिख रही है।