हरियाणा में लाल डोरा वाली प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मिलना शुरू, किराएदार भी बनेगें मालिक

Haryana News  : हरियाणा में लाल डोरा वाली प्रॉपर्टी को लेकर सरकार ने बड़ी अपडेट जारी की है। हरियाणा में काफी लंबे वक्त से लाल डोला वाली प्रॉपर्टी का झंझट खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना पर प्लान कर रही है। 

 

Haryana Government Property Scheme : देश में लाल डोरा सिस्टम अंग्रेजों के समय 1908 में बनाया गया था. अंग्रेजों के वक्त रेवेन्यू रिकॉर्ड का लेखा-जोखा रखने के लिए खेती योग्य जमीन को आबादी से अलग दिखाने के उद्देश्य से नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींच दी जाती थी। हरियाणा में काफी लंबे इंतजार के बाद शहरों में लाल डोरा का दंश झेल रहे जमीन मालिकों और जो शहरी निकायों की व्यावसायिक प्रॉपर्टी के किराएदारों के लिए अच्छी खबर है. हरियाणा सरकार ने शेरों को लाल डोरो से मुक्त करने के उद्देश्य से अब सर्वे कराकर प्रॉपर्टी मालिकों के नाम रजिस्टर करवा रही है। 

किराएदारों को मिलेगा मालिकाना हक

अब हरियाणा में इसी तर्ज पर शहरी निकायों द्वारा लीज या किराए पर ली गई व्यावसायिक प्रॉपर्टी का मालिकाना हक अब किराएदारों को दिया जा रहा है। प्रदेश में जिस भी प्रॉपर्टी पर 20 वर्षीय इससे ज्यादा वक्त से प्रॉपर्टी पर काबीज किराएदार को कलेक्टर रेट से 20 से 25 फ़ीसदी तक कम कीमत पर राशि भुगतान करके मालिकाना हक का सकते हैं। हरियाणा में यह दोनों का मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना और स्वामित्व स्कीम के माध्यम से हो रहे हैं। वित्तीय वीरवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक राज्य स्तरीय समारोह में इस परियोजना के लाभार्थियों को रजिस्ट्री व शहरीलाल डोरा संपत्ति का प्रमाण पत्र सोपा है। 

बेचने और लोन लेने में आएगी दीकक्त 

प्रदेश में जो भी जमीन लाल डोरा के तहत आती है उसे पर बिल्डिंग बायलाज, निर्माण कामों से जुड़े नियम और नगर पालिका कानून के माध्यम से नियमों और कायदों में छूट प्राप्त हैं। लाल डोरा वाली प्रॉपर्टी का स्वामित्व का पुख्ता प्रमाण न होने के कारण ऐसी प्रॉपर्टी की खरीद प्राप्त नहीं हो पाती है। मकान मालिकों को घरों में सुविधा की आवश्यकता पड़ती है लेकिन उनके सामने बहुत सारी दिक्कतें आती हैं। लाल डोरा प्रॉपर्टी वाले लोग चाह कर भी अपनी संपत्ति नहीं बेच सकते और ना ही उसे पर बैंक लोन देते हैं।

गावों को लाल डोरा से मुक्त किया 

इस समस्या को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने पहले गावों को लाल डोरा से मुक्त करने का प्रावधान किया। अब गांव लाल डोरा हरियाणा में हैं। लाल डोरा के अंदर आने वाले सभी मकानों और भूखंडों को अधिग्रहणकर्ताओं के नाम पर नामांकित किया गया है। अब हरियाणा सरकार ने शहरों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए “मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना” लागू की है।

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना

जून 2021 में हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने "मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना" बनाई। 31 दिसंबर 2021 तक शहरी क्षेत्रों में दुकानों या घरों पर कब्जे के 20 साल पूरे होने वाले मालिकों को मालिकाना हक मिलेगा। योजना से लगभग 25 हजार लोगों को लाभ मिलेगा और हरियाणा सरकार को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा, ऐसा मोटे अनुमान है।

पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन

आपको बता दे की www.ulb.shops.ulbharyana.gov.in नामक पोर्टल को सरकार ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए बनाया है। कोई भी व्यक्ति इस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करके दुकान या अन्य व्यापारिक संपत्ति के मालिक बनने की मांग कर सकता है। मुख्य बात यह है कि इस पोर्टल पर कभी भी आवेदन नहीं कर सकते। कुछ समय के लिए यह खुला है। पोर्टल पर पहले चरण में ही 7 हजार लोगों ने आवेदन किया था।

सरकार ने कल ही घोषणा की कि मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत 20 साल पूरे कर चुके किरायेदारों और लीज धारकों को फिर से दावा करने का मौका दिया जाएगा. जो लोग अभी तक दावा नहीं कर चुके हैं, उन्हें एक और मौका मिलेगा। नए आवेदनों के लिए www.ulb.shops.ulbharyana.gov.in पोर्टल को जल्द ही 15 दिन के लिए खुला रखा जाएगा, यह अंतिम मौका होगा।

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना में शामिल होने के लिए, आवेदकों को स्वयं सर्टिफाइड लेटर के माध्यम से बताना होगा कि वे प्रापर्टी पर कितने साल से काबिज हैं। Site Plan भी अपलोड करना होगा। इसके साथ कब् जा को साबित करने के लिए आपको बिजली या पानी का बिल, उप किरायेदारी का समझौता पत्र, किराये की रसीद, फायर एनओसी सहित आठ दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा।