Ghaziabad Master Plan 2031:सरकार खरीदेगी 5 गांवों की जमीन, किसानों को 4 गुना मुआवजा मिलेगा
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दी है, जिसमें ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट नीति लागू होगी। मेट्रो और रैपिड रेल के आस-पास आवासीय और व्यावसायिक विकास होगा।
Ghaziabad Master Plan 2031: गाजियाबाद में घर खरीदने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने लंबे इंतजार के बाद इंटीग्रेटेड मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत TOD नीति लागू की जाएगी। इसका मतलब है कि अब मेट्रो या अन्य ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के आसपास ही कॉलोनियां बसाई जाएंगी, जिससे लोगों को आसानी से कनेक्टिविटी मिल सकेगी। इस योजना के तहत गाजियाबाद में रैपिड रेल, मेट्रो और एक्सप्रेसवे के आसपास विकास किया जाएगा। यहां आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने मधुबन बापूधाम हाउसिंग स्कीम के बदले हुए नक्शे को भी मंजूरी दे दी है। नए नक्शे में श्मशान की जमीन पर बने 373 प्लॉट को फिर से लोगों को आवंटित किया गया है। इसके अलावा बैठक में यूपी सरकार की प्रतिज्ञा योजना के तहत गालंद गांव में 0.431 हेक्टेयर जमीन को खेती की जमीन से बदलकर औद्योगिक प्लॉट बनाने का फैसला भी लिया गया है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2031 के तहत अब गाजियाबाद, मोदीनगर और लोनी में बड़े स्तर पर विकास होगा। यह योजना कुल 33,543.1 हेक्टेयर इलाके को कवर करेगी। इसमें गाजियाबाद की 18,687.8 हेक्टेयर, मोदीनगर की 6,874.9 हेक्टेयर और लोनी की 7,980.4 हेक्टेयर जमीन शामिल है। जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि यह योजना तभी लागू होगी जब राज्य सरकार इसकी गजट अधिसूचना जारी करेगी, जो एक महीने के अंदर होने की उम्मीद है।
तीन शहरों में होगा विकास
इस योजना के तहत ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत रैपिड रेल कॉरिडोर के 1.5 किलोमीटर के दायरे में 4,261.43 हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा मेट्रो की रेड और ब्लू लाइन के 500 मीटर के आस-पास 616.61 हेक्टेयर जमीन पर भी विकास किया जाएगा। साथ ही, रैपिड रेल डिपो के आस-पास की 909.82 हेक्टेयर जमीन को भी शामिल किया गया है। इसका मकसद यह है कि मेट्रो और रैपिड रेल के पास रहने और काम करने की बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
सरकार खरीदेगी 5 गांवों की जमीन
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने हर्नानदीपुरम टाउनशिप बनाने के लिए पांच गांवों की जमीन खरीदने की योजना बनाई है। इसके तहत मथुरापुर, शमशेर, चंपतनगर, भनेरा खुर्द और नंगला फिरोज मोहन नगर गांवों से कुल 336 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। इस जमीन की खरीद के लिए 2,384 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है। इस रकम में 7% स्टांप ड्यूटी और 1% रजिस्ट्रेशन शुल्क भी शामिल है।
किसानों को मिलेगा 4 गुना मुआवजा
सरकार इन 5 गांवों की जमीन के बदले किसानों को सर्किल रेट से 4 गुना ज्यादा पैसा देगी। इसके लिए पिछले महीने डीएम की अध्यक्षता वाली समिति ने यह प्रस्ताव तैयार किया था।समिति ने बताया कि हर्नानदीपुरम टाउनशिप के लिए जमीन का मुआवज़ा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 के तहत दिया जाएगा, जिसमें किसानों को सर्किल रेट का 4 गुना भुगतान मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, मथुरापुर गांव में जहां 14 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी, वहां किसानों को 1,020 रुपये प्रति वर्गमीटर की बजाय 4,080 रुपये प्रति वर्गमीटर मिलेंगे।
सरकार की योजना के तहत जिन गांवों से जमीन ली जाएगी
किसानों को उनकी जमीन का अच्छा दाम मिलेगा। शमशेर गांव में 86 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। यहां किसानों को मौजूदा रेट 1,690 रुपये प्रति वर्गमीटर की बजाय 6,760 रुपये प्रति वर्गमीटर मुआवजा मिलेगा। चंपतनगर गांव में 33 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यहां के किसानों को 1,010 रुपये की जगह 4,040 रुपये प्रति वर्गमीटर मिलेंगे। भनेरा खुर्द गांव में 9 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी, जिसके बदले किसानों को 1,060 रुपये के बजाय 4,240 रुपये प्रति वर्गमीटर दिए जाएंगे। सबसे ज्यादा जमीन नंगला फिरोज (मोहन नगर) में ली जाएगी, जहां 192 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। यहां किसानों को 1,800 रुपये की जगह 7,200 रुपये प्रति वर्गमीटर मुआवजा दिया जाएगा।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने लोगों की सुविधा के लिए पहल पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के ज़रिए अब कई काम बहुत आसान हो गए हैं।लोग अब घर बैठे ही अपनी संपत्ति का बकाया भुगतान, संपत्ति का लेजर चेक, संपत्ति की जानकारी की पुष्टि, आवंटन पत्र डाउनलोड, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और नामांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।