Chhattisgarh के 3 जिलों से हो कर निकलेगा एक्सप्रेसवे, 2330 किसानों से जमीन अधिग्रहण

Chhattisgarh News : देश में भारतमाला परियोजना के तहत रोड इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास किया जा रहा है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में एक और एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य होने के बाद आवागमन आसान हो जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के लिए कई किसानों से जमीन खरीदी की गई है.

 

Chhattisgarh Expressway : भारतमाला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में एक नए एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेज़ी से शुरू किया गया है। क्षेत्रीय और अंतरराज्यीय आवागमन पहले से काफी बेहतर और तेज़ हो जाएगा। यात्रा का समय कम होगा और ईंधन की बचत भी होगी। स्थानीय व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह सड़क छत्तीसगढ़ को भारतमाला नेटवर्क के ज़रिए देश के अन्य प्रमुख हाईवे और कॉरिडोर से जोड़ेगी।

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना, दुर्ग रायपुर आरंग एक्सप्रेसवे, छत्तीसगढ़ में तेजी से बन रहा है। यह परियोजना स्थानीय विकास, निवेश और व्यापार के नए अवसर पैदा करेगी और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ा देगी। यह राजमार्ग 92 किलोमीटर लंबा होगा और दुर्ग से शुरू होकर अंजोरा, पटोरा, सुपकोना, अभनपुर तथा नया रायपुर होते हुए आरंग तक चला जाएगा। 

एक्सप्रेसवे इन जिलों से होकर गुजरेगा

दुर्ग-रायपुर आरंग एक्सप्रेसवे का निर्माण दुर्ग, रायपुर और बलौदाबाजार जिलों से होगा। परियोजना के लिए कुल 2,330 किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। जिला प्रशासन का दावा है कि प्रभावित किसानों को उचित और समय पर मुआवजा दिया गया है। ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो, इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने का प्रयास किया गया।

दुर्ग के कुछ गांवों में जमीन खरीदना शुरू हो गया है

दुर्ग जिले के कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि भारतमाला परियोजना निरंतर चल रही है। उन्हें बताया गया कि किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा दिया गया है। साथ ही, जमीन के दस्तावेजों को पूरी तरह से वैध और सुरक्षित बनाने के लिए जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी दोबारा शुरू की गई है। NHI परियोजना निदेशक ने बताया कि कुछ गांवों में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पजेशन लिया गया है, लेकिन निर्माण जारी है। केंद्रीय लाइन से 100 मीटर की दूरी पर उन गांवों में खरीदी बिक्री पर लगी रोक हटा दी गई है। शेष गांवों में जहां जमीन अधिग्रहण नहीं हुआ है, वहां रोक लगा दी गई है। 

यह राजमार्ग रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी, और दुर्ग, एक औद्योगिक नगरी को जोड़ेगा। इसके बनने से ट्रैफिक बोझ कम होगा, ईंधन बचेगा और यात्रा का समय कम होगा। साथ ही, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर सड़क नेटवर्क मिलेगा। जिससे कृषि उत्पादों की आसान ढुलाई होगी और स्थानीय विकास होगा।