उत्तरप्रदेश में इस जिले के 11 गांवों से निकलेगा एक्सप्रेसवे, सर्वे के निर्देश, किसानों को बड़ा फायदा

एक्सप्रेसवे समेत अन्य सरकारी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण से पहले सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी। किसानों की मांग पर डीएम का फैसला, सर्वे के बाद नई दरों के बाद ही मुआवजा मिलेगा
 

Saral Kisan, UP : उत्तरप्रदेश में लिंक एक्सप्रेस-वे और दूसरी सरकारी परियोजनाओं के लिए प्रशासन जमीन खरीदने से पहले सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। जिन इलाकों में पिछली बार सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए थे, वहां अब नई दरें तय की जाएंगी। इसके लिए पहले सर्वे किया जाएगा, फिर नई सर्किल रेट जारी कर लोगों से आपत्तियां मांगी जाएंगी। अगर किसी को आपत्ति होगी तो उसका निपटारा किया जाएगा। इसके बाद नई दरें लागू कर दी जाएंगी।

सर्वे होगा और उसके बाद सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे

मैनपुरी लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए प्रशासन किसानों से मुआवजा देकर जमीन लेने की तैयारी कर रहा है। लेकिन कई गांवों के किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि इस साल जिन इलाकों के सर्किल रेट बढ़ाए गए हैं, उनमें उनके गांव का नाम शामिल नहीं है। इसलिए उन्हें मुआवजा कम मिल रहा है। किसान मांग कर रहे हैं कि पहले उनके गांव के सर्किल रेट बढ़ाए जाएं, तभी वे जमीन देंगे।

डीएम अंजनी कुमार सिंह ने किसानों की मांग को सही मानते हुए फैसला लिया है कि जिन गांवों में जमीन के सर्किल रेट नहीं बढ़े हैं, वहां जल्द ही सर्वे कराया जाएगा। सिर्फ लिंक एक्सप्रेस-वे ही नहीं, बल्कि बाकी सरकारी योजनाओं के लिए ली जाने वाली जमीन का भी सर्वे होगा और उसके बाद सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे। नई सर्किल दर तय होने के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा और उनकी सहमति से ही जमीन ली जाएगी।

एक हफ्ते में पूरा होगा सर्वे

लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए भोगांव तहसील के 11 गांवों के करीब 450 किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इसके लिए लेखपालों को एक हफ्ते के अंदर जमीन का गाटा नंबर और बाकी दस्तावेजों का सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं। सारी जानकारी एक हफ्ते में पूरी करके रिपोर्ट यूपीडा को भेजी जाएगी।

गौरतलब है कि निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए 92 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। इसमें भोगांव तहसील के 11 गांवों की जमीन प्रभावित हो रही है, जिसके तहत 450 से ज्यादा किसानों की जमीन ली जाएगी।