राजस्थान के इस जिले में जमीन खरीदते समय बरतें सावधानी, भारतमाला परियोजना के तहत होगा 24 गांवों में जमीन अधिग्रहण
 

Rajasthan News: राजस्थान के एक और जिले में भारतमाला परियोजना के विस्तार के तहत 24 गांव अधिग्रहण के दायरे में आने वाले हैं। विस्तार की तैयारियां जिले में तेज हो गई हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में जमीन खरीदने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कानूनी विवाद, मुआवजा संबंधी दिक्कतें और भूमि रूपांतरण पर प्रतिबंध जैसी स्थितियों का सामना न करना पड़े।

 

Jodhpur Rohat Land News: पाली जिले के रोहट उपखंड में भारतमाला परियोजना के विस्तार की तैयारियां तेज हो गई हैं। केंद्र सरकार ने जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, जोधपुर, अमृतसर, जामनगर एक्सप्रेस-वे कनेक्टिविटी मार्ग को हरी झंडी दे दी है। प्रस्तावित अलाइनमेंट के तहत रोहट क्षेत्र के 24 गांव इस परियोजना से प्रभावित होंगे, जहां जल्द ही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। ऐसे में इस क्षेत्र में जमीन खरीदने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कानूनी विवाद, मुआवजा संबंधी दिक्कतें और भूमि रूपांतरण पर प्रतिबंध जैसी स्थितियों का सामना न करना पड़े।

सरकार ने शुरू किया अधिग्रहण का प्रारंभिक काम

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत संबंधित जिला कलेक्टर और उपखंड अधिकारियों को पत्र भेजकर परियोजना के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं। एनएचएआई के परियोजना निदेशक हरिसिंह गीला द्वारा भेजे गए पत्र में बताया गया है कि परियोजना के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार कराने हेतु मैसर्स कंसल्टिंग इंजीनियर्स ग्रुप लिमिटेड को सलाहकार नियुक्त किया गया है।

अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रस्तावित क्षेत्रों में भूमि रूपांतरण की किसी भी प्रक्रिया को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की अनुमति के बिना मंजूरी न दी जाए। इससे प्रभावित गांवों में किसी तरह की अनियमितता या अवैध खरीद-फरोख्त को रोका जा सकेगा। यह परियोजना जहां एक ओर राष्ट्रीय स्तर पर संपर्क और परिवहन सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, वहीं दूसरी ओर प्रभावित गांवों के निवासियों के लिए भूमि संबंधी निर्णय सावधानीपूर्वक लेने का समय भी है।

278 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण प्रस्तावित

परियोजना से जुड़ी अधिसूचना के अनुसार, करीब 278 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है। यह मार्ग एक्सप्रेस-वे, इकोनॉमिक कॉरिडोर और इंटर-कॉरिडोर नेटवर्क से जुड़कर राजस्थान सहित कई राज्यों के प्रमुख औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों को बेहतर संपर्क प्रदान करेगा। इस सड़क के बन जाने से जयपुर से जोधपुर के बीच का यात्रा समय लगभग दो घंटे तक कम हो सकता है। इस परियोजना का प्रभाव पाली सहित छह जिलों के गांवों पर पड़ेगा। इन क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण और जमीन के उपयोग में बदलाव (लैंड कन्वर्ज़न) के लिए अब सीधे एनएचएआई से अनुमोदन अनिवार्य होगा।

रोहट के 24 गांव प्रभावित क्षेत्र में

पाली जिले में 160 से 226 किलोमीटर के हिस्से तक भूमि अधिग्रहण का काम प्रस्तावित है। रोहट उपखंड के जिन 24 गांवों पर परियोजना का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा, उनमें शामिल हैं निंबली उर्डा, बागडिया, दुदिया, कानावास, ढाबर, खारड़ा, बांडाई, चोटिला, सवाईपुरा, बीठू, मोरिया, गढ़वाड़ा, सज्जनपुरा, धोलेरिया जांगीर, जैतपुर, मांडावास, बींजा, नया चेंडा, खुटाणी, पांच पदरिया, पुख्तारी, गेलावास, रेवड़ा खुर्द और लाम्बड़ा। इन गांवों में खसरों का चिन्हांकन किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि किस क्षेत्र में कितनी भूमि परियोजना के अंतर्गत आएगी।

स्थानीय निवासियों और यात्रियों को मिलेगा बड़ा लाभ

भारतमाला परियोजना के तहत जयपुर से बालोतरा और आगे जामनगर तक बेहतर सड़क कनेक्टिविटी विकसित होने से पाली एवं रोहट क्षेत्र के ग्रामीणों को बड़ा लाभ मिलेगा। सड़क पूरी होने पर रोहट, पाली, बालोतरा, आसोतरा और जसोल जैसे कस्बों का सफर अधिक सुगम और समय की बचत करने वाला होगा। रोहट के उपखंड अधिकारी पूरण कुमार ने बताया कि “परियोजना से संबंधित आधिकारिक पत्र मंत्रालय से प्राप्त हो चुका है। प्रभावित गांवों का सर्वेक्षण और खसरा चिन्हांकन जल्द शुरू होगा। फिलहाल पंजीयन (रजिस्ट्री) पर कोई रोक नहीं है, लेकिन भूमि क्रेता सावधानी अवश्य बरतें।

जमीन खरीदने वालों के लिए जरूरी सलाह

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कई भूखंडों पर अधिग्रहण की संभावना है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रोहट क्षेत्र के इन गांवों में जमीन लेते समय खरीदारों को चाहिए कि परियोजना से संबंधित नवीनतम सरकारी नोटिफिकेशन की जांच करें और जमीन की अधिग्रहण स्थिति की पुष्टि करें इसके अलावा एनएचएआई से अनुमति आवश्यक वाले क्षेत्रों में सौदा न करें।  भविष्य के मुआवजा मामलों और कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही खरीदारी करें।