राजस्थान के इन बीहड़ों को चीरकर निकलेगा 404 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे, सफर में दिखेंगे बाघ और चीते

Rajasthan News: देश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी दिशा में अब एक और बड़ा प्रोजेक्ट सामने आया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान को जोड़ने वाला 404 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल यात्रा आसान और तेज होगी, बल्कि पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

 

Chambal expressway : देश में सरकार का ध्यान रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती की दिशा में ज्यादा केंद्रित है. सरकार की तरफ से देश में तेजी से सड़कों का जाल बिछाकर राज्यों के बीच दूरी कम करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है. सरकार की तरफ से अब एक और एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा जिससे तीन राज्यों को तगड़ा फायदा होने वाला है.

सफर 12 घंटे की बजाय चार घंटे में आसानी से पूरा होगा 

उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच 404 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा जिसे बेहतर कनेक्टिविटी के साथ-साथ पर्यटन और उद्योग के विकास को नई ऊंचाइयां मिलेगी. राजस्थान से मध्य प्रदेश का सफर 12 घंटे की बजाय चार घंटे में आसानी से पूरा किया जा सकेगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से 2021 में इसकी घोषणा की गई थी.

राजमार्गों का जाल

देश में राजमार्गों का जाल बनाने पर सरकार का जोर है ताकि बड़े शहरों के बीच की दूरी कम हो सके। सरकार राज्य, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए चंबल एक्सप्रेसवे बना रही है।  चंबल एक्सप्रेसवे राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ेगा और 404 किलोमीटर लंबा होगा। 2021 में नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की थी। यह एक्सप्रेसवे बनने से कोटा से इटावा का सफर सिर्फ चार घंटों में होगा।

यह एक्सप्रेसवे चंबल के बीहड़ों में चंबल नदी के साथ 404 किलोमीटर लंबा है। यह अटल प्रगति भी कहलाता है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 2021 में इस एक्सप्रेसवे की स्थापना की घोषणा की थी। चंबल एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है क्योंकि जमीन अधिग्रहण में बाधा आई है।

पर्यटन और उद्योग का विकास होगा

चंबल एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और पर्यटन और उद्योग का विकास होगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश के रिजर्व एरिया को जोड़कर पर्यटन को बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व, कूनो नेशनल पार्क और चंबल सेंचूरी सब चंबल एक्सप्रेसवे पर हैं। यह एक् सप्रेसवे इन तीनों स्थानों पर बनने से पर्यटन को बढ़ावा देगा।

चंबल एक्सप्रेसवे मार्ग

चंबल एक्सप्रेसवे राजस्थान के कोटा के सिमलिया से शुरू होकर मध्य प्रदेश के श्योपुर, सबलगढ़, मुरैना और भिंड से होकर उत्तर प्रदेश के इटावा के ननावा तक जाना है। राजस्थान में बनाने वाला राजमार्ग करीब 72 किलोमीटर लंबा होगा। इसका निर्माण मध्य प्रदेश में करीब 314 किलोमीटर तक होगा और चार जिलों से गुजरेगा। इसकी लंबाई 23 किलोमीटर है और उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में है।

12 घंटे का सफर 4 घंटे का होगा

राजस्थान के कोटा से उत्तर प्रदेश के इटावा जाने में अभी बारह घंटे लगते हैं। यात्रा करने में लगभग पूरा दिन लगता है क्योंकि अच्छी सड़क और सीधा रास्ता नहीं है। चंबल एक्सप्रेसवे बनने से कोटा से इटावा सीधा संपर्क होगा। इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति 120 km/h होगी। इसलिए कोटा से इटावा का सफर चार घंटे में पूरा  होगा। कोटा में भी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। यह भी आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।

एक्सप्रेसवे का निर्माण

2020 में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस परियोजना की शुरुआत की। 2021 में भारतमाला परियोजना का पहला चरण शुरू हुआ। 2022 में निर्माण की स्वीकृति जारी की गई और डीपीआर बनाने के लिए नोटिस भी भेजा गया। मध्य प्रदेश में चंबल एक्सप्रेसवे का एलाइनमेंट पूरा हो गया है। लेकिन भूमि अधिग्रहण का मुद्दा अभी भी पूरी तरह से हल नहीं हुआ है। यही कारण है कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है।