उत्तरप्रदेश में बनाए जाएंगे 4 नए एक्सप्रेसवे, एक होगा 320 किमी. लंबा, ये जिले जुड़ेंगे
UP News : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में सड़कों की कनेक्टिविटी पिछले आठ सालों में मजबूती की दिशा में अग्रसर है. उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के चार नए प्रोजेक्ट के तहत 1050 करोड़ की लागत से कई जिलों में आवागमन कनेक्टिविटी और ज्यादा सुगम होगी. प्रदेश में चार नए एक्सप्रेस वे का निर्माण जनता के लिए बड़ी सौगात है. जंहा से एक्सप्रेसवे गुजरती है वहां रोजगार के साथ-साथ जमीनों की कीमतों में भी बढ़ोतरी होती है.
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों के दौरान सड़क कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार देखने को मिला है। अब राज्य में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को और सशक्त करने के लिए चार नए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं, जिन पर कुल मिलाकर 1050 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन परियोजनाओं से कई जिलों में आवागमन पहले से कहीं अधिक तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगा।
1050 करोड़ रुपये की घोषणा
योगी सरकार ने बजट में चार नए राजमार्गों का निर्माण करने के लिए 1050 करोड़ रुपये की घोषणा की है। एक्सप्रेसवेज की स्थापना के बाद तीन बड़े तीर्थस्थलों काशी, प्रयागराज और हरिद्वार की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी को और मजबूत कर रही है, जैसा कि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यह जानकारी दी हैं। उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवेज कनेक्टिविटी और ज्यादा बेहतर होने वाली हैं। सरकार ने चार नए एक्सप्रेसवे बनाने के लिए 1,050 करोड़ रुपये की अनुमति दी है। एक्सप्रेसवेज के निर्माण से तीन प्रमुख तीर्थस्थलों काशी, प्रयागराज और हरिद्वार की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इनका निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) करेगा।
सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी को और मजबूत कर रही है, जैसा कि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 36 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से प्रदेश में 6.50 लाख करोड़ से अधिक का निवेश आ चुका है।
नया एक्सप्रेसवे
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। 90.83 किलोमीटर लंबे इस लिंक एक्सप्रेसवे की निर्माण लागत 4837.64 करोड़ रुपये होगी। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, जो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और वे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जंक्शन के पास इटावा के कुदरैल से शुरू होगा और फर्रुखाबाद से होते हुए हरदोई में समाप्त होगा, एक प्रवेश नियंत्रित छह लेन एक्सप्रेसवे होगा। सरकार ने इसके लिए बजट में 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
विन्ध्य लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने
वहीं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए विन्ध्य लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। 320 किलोमीटर के इस लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण में लगभग 22,400 करोड़ रुपये का खर्च होगा। यह राजमार्ग प्रयागराज से शुरू होकर सोनभद्र स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग-39 पर समाप्त होगा, जो गंगा एक्सप्रेसवे का अंतिम बिंदु है। निर्माण पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड से सड़कों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। सरकार ने बजट में इसके लिए पांच सौ करोड़ रुपये घोषित किए हैं।
मेरठ से आसानी से हरिद्वार
इसके अलावा, सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तारीकरण के लिए पचास करोड़ रुपये रखे हैं, जो मेरठ को हरिद्वार से जोड़ेगा। निर्माण के बाद गंगा एक्सप्रेसवे तीन तीर्थस्थलों काशी, प्रयागराज और हरिद्वार से जोड़ देगा। 594 किलोमीटर लंबी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना पर 36,230 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इसे वाहनों की 120 किलोमीटर की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया गया है। साथ ही, सरकार ने बजट में बुंदेलखंड रीवा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
पांच करोड़ रुपये खर्च किए
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर परियोजना के लिए भी सरकार ने 461 करोड़ रुपये की घोषणा की है। इस परियोजना में लगभग 95,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। लखनऊ में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) सिटी को विकसित करने के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। साइबर सुरक्षा में टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क की स्थापना के लिए तीन करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।