उत्तरप्रदेश के 2 जिलों के बीच बनेंगे 4 नए बाईपास, 5 हाईवे का होगा आपस में जुड़ाव

UP News : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के कई जिलों को जोड़ने वाले चार बड़े बाईपास मार्गों का निर्माण मंजूर किया गया है। ग्रीन फील्ड फोरलेन प्रोजेक्ट के माध्यम से सड़क निर्माण को आधुनिक बनाया जाएगा। इन परियोजनाओं का उद्देश्य यातायात जाम को कम करना, यात्रा समय को घटाना और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है।

 

Uttar Pradesh News : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के परियोजनाओं पर खास ध्यान दिया है। बाईपास निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश के चार मध्य जिलों में सड़क कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। ग्रीन फील्ड फोरलेन परियोजना के लिए लगभग 1800 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है, जिसमें से 800 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे।

जौनपुर तक प्रयागराज तक चार नए बाइपास

बनारस से सटे जिलों को बेहतर सड़क कनेक्टिविटी देने के लिए आजमगढ़ से जौनपुर होते हुए प्रयागराज तक चार नए बाइपास बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ है। इस परियोजना से पांच राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ा जाएगा, जिससे कानपुर बुंदेलखंड, प्रयागराज, जौनपुर, शाहगंज, अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, दोहरीघाट, गोरखपुर और बलिया सहित बिहार के सभी जिलों तक पहुंच सकेगा।

हाईवे पर वाहनों का लोड कम होगा

बनारस से सटे जिलों की सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के प्रयासों से शहर से जुड़े हाईवे पर वाहनों का लोड कम होगा। बनारस से प्रयागराज, अयोध्या, आजमगढ़ और गोरखपुर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर हर दिन गाड़ी की संख्या बढ़ती जा रही है। NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने कई और मार्गों को सुधारने का काम किया है। अब जौनपुर से आजमगढ़ तक चार नए बाइपास बनाए जाएंगे, जो पांच राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ सकेंगे। 

जमीन अधिग्रहण पर 800 रुपए करोड़ खर्च

40 किलोमीटर ग्रीनफील्ड फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल ने लगभग 1800 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें जमीन अधिग्रहण पर आठ सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस दौरान छह महीने पहले भेजा गया प्रस्ताव पूरी तरह से बदल गया है। बाइपास बनाने के लिए नए स्थानों की सूचना दी गई है। मई में काम शुरू होने का अनुमान है। मंत्रालय स्तर पर एलाइनमेंट को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। परियोजना पूरी होते ही कानपुर, बुंदेलखंड और प्रयागराज से जौनपुर, शाहगंज, अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, दोहरीघाट, गोरखपुर और बलिया सहित बिहार के जिलों में वाहनों को जाम नहीं लगाया जाएगा।

बाइपास करने के लिए नए स्थानों को रेखांकित किया गया है

परियोजना से मुंगराबादशाहपुर-प्रयागराज राजमार्ग 319 डी, सुलतानपुर-वाराणसी राजमार्ग 731, राष्ट्रीय राजमार्ग 128 ए (मुहम्मदपुर से जौनपुर), राष्ट्रीय राजमार्ग 128 सी (आजमगढ़ से दोहरीघाट) और राष्ट्रीय राजमार्ग 135 ए (जौनपुर-अयोध्या) को जोड़ा जाएगा। आजमगढ़ से पूर्वांचल राजमार्ग भी जोड़ा जाएगा।

ध्यान दें कि प्रयागराज से जौनपुर तक लगभग 149 किलोमीटर का राजमार्ग फिलहाल दो लेन का है और 4045 करोड़ रुपये की एक परियोजना इसे फोरलेन करने के लिए मंजूर की गई है। बाइपास एलाइनमेंट को लेकर बहस चल रही है। बहुत सारे विकल्पों पर विचार हो रहा है। रियोजना स्वीकृत है। कुछ बाइपास काम मई तक शुरू होने की उम्मीद है।

यहां होगा नए बाइपास का निर्माण 

12.25 किलोमीटर जौनपुर बाइपास
8.15 किलोमीटर करौली से मुहम्मदपुर
15.5 किलोमीटर आजमगढ़
4.2 किलोमीटर मुंगराबादशाहपुर, टेंडर अवार्ड