NCR में बनेगा 135 किमी का ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, ये शहर नेटवर्क से जुड़ेंगे
Jewar Airport: दिल्ली-एनसीआर से हरियाणा के विभिन्न हिस्सों को तेज़ और सुविधाजनक यात्रा से जोड़ने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर एक नई रेल कॉरिडोर परियोजना पर काम कर रहे हैं। इस कॉरिडोर को "आर्बिटल रेल कॉरिडोर" नाम दिया गया है और इसकी लागत ₹14,000 करोड़ आंकी गई है।
Noida News: दिल्ली एनसीआर से लेकर हरियाणा तक आने वाले समय में सफर कम समय में सुविधाजनक सफर पूरा किया जा सकेगा. आर्बिटल रेल कॉरिडोर पर 14000 करोड रुपए की लागत आने का अनुमान है. यह रेल कॉरिडोर कितने एरिया से निकलेगा, कितने गांव और आसपास कितनी आबादी प्रभावित होगी और इसके अलावा कितनी जमीन अधिग्रहण करनी है इसकी रिपोर्ट मांगी गई है. आर्बिटल रेल कॉरिडोर बनने से दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और रेल यातायात पर दबाव कम होगा। प्रदूषण भी कम होगा। यह हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सभी लॉजिस्टिक हब से जुड़ा होगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 14,000 करोड़ रुपये लग सकते हैं।
जेवर एयरपोर्ट इस ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर से जुड़ जाएगा
ईस्टर्न पेरीफेरल (केजीपी) के समानांतर हरियाणा के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण की तैयारी तेज हो गई है। नोडल एजेंसी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है कि ऑर्बिटल रेल किस क्षेत्र से चलेगा, कितने गांव, आसपास की आबादी और कितनी जमीन अधिग्रहण होगी। अब जमीन का सर्वे जिला प्रशासन के अधिकारी कर रहे हैं। फिर रिपोर्ट बनाकर जीडीए को सौंपेंगे। जेवर एयरपोर्ट इस ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) के साथ-साथ ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर भी बनाया जाएगा। परियोजना का ड्राफ्ट बन रहा है। यह कॉरिडोर 135 किलोमीटर लंबा होगा और 6500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का नोडल एजेंसी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाना शासन की जिम्मेदारी है।
सर्वेक्षण शुरू
फिजिबिलिटी रिपोर्ट हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन को भेजा जाएगा। फिजिबिलिटी रिपोर्ट इसके बाद बनाई जाएगी। साथ ही, गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन से जानकारी मांगी गई है कि इस कार्यक्रम के लिए उनके क्षेत्र में कितनी जमीन उपलब्ध होगी। अधिकारी जमीन का सर्वे कर रहे हैं। ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रस्तावित है, DM मनीष वर्मा कहते हैं। जिले की सभी रिपोर्ट बनाई जा रही है।
नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ा होगा
इसके निर्माण से दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और रेलों पर दबाव कम होगा। प्रदूषण भी कम होगा। यह हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सभी लॉजिस्टिक हब से जुड़ा होगा। इसके अलावा, यह कई डेडिकेडेट फ्रेट कॉरिडोर, नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट और न्यू नोएडा इंडस्ट्रियल टाउनशिप से जुड़ा होगा।
14,000 करोड़ रुपये खर्च
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 14,000 करोड़ रुपये लग सकते हैं। भूमि हासिल करने में 3000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि प्रोजेक्ट में 11,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस कॉरिडोर में कुल 18 स्टेशन हैं, जिनमें 12 क्रॉसिंग स्टेशन और 6 हॉल्ट स्टेशन शामिल हैं। गुड्स ट्रेन की स्पीड 100 km/h होगी, जबकि पैसेंजर ट्रेन 160 km/h होगी।