उत्तरप्रदेश में जल्द एंट्री करेगा मानसून, सबसे पहले इन जिलों में झमाझम बरसेंगे बादल
Uttar Pradesh Monsoon : उत्तर प्रदेश में मानसून को लेकर जरुरी अपडेट सामने आया है. इस बार देश में मानसून 1 जून से 4 दिन पहले केरल पहुंच सकता है. उत्तर प्रदेश में मानसून की एंट्री हमेशा सोनभद्र जिले से होती है. लेकिन आपको बता दें कि पिछले साल मानसून की एंट्री बुंदेलखंड के ललितपुर के रास्ते हुई थी.
UP News : उत्तर प्रदेश में मानसून की शुरुआत को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस वर्ष देश में मानसून सामान्य से पहले, यानी 1 जून से चार दिन पहले, केरल पहुंच सकता है। यह संकेत देता है कि उत्तर प्रदेश में भी मानसून समय से पहले दस्तक दे सकता है। इस बार मानसून केरल में 1 जून से 4 दिन पहले आ सकता है। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि 27 मई को दक्षिण-पश्चिमी मानसून केरल तट से टकराएगा। IMD ने बताया की 1 जून को केरल पहुंचने के बाद मानसून 8 जुलाई तक अन्य राज्यों को कवर करेगा।
उत्तर प्रदेश भी इसका असर
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश भी इसका असर होगा। प्रदेश में 18 जून को निर्धारित तिथि से सिर्फ दो दिन की देरी हो सकती है। इस बार मानसून 20 जून को सोनभद्र से पूर्वोत्तर में पहुंचेगा। 20 जून को पिछली बार भी मानसून आने की संभावना थी। लेकिन यह दस दिन बाद आया था। 30 मई को, केरल में तय समय से दो दिन पहले एंट्री की गई थी।
केरल से यूपी आने में 15 से 30 दिन लगते हैं।
यह जरूरी नहीं कि यूपी में पहले मानसून आ जाएगा, क्योंकि केरल में 4 दिन पहले मानसून आ जाएगा। पिछले पांच वर्षों के आंकड़े इसी ओर संकेत करते हैं। जैसे, 2021 में मानसून ने 3 जून को केरल में प्रवेश किया, लेकिन उत्तर प्रदेश में 15 दिन बाद पहुंचा। 2024 में 30 मई को केरल पहुंचा, लेकिन यूपी पहुंचने में 28 दिन लगे। यही कारण है कि यूपी और केरल में मानसून की एंट्री की तय तिथि में सिर्फ 18 दिन का अंतर है।
पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बारिश की संभावना
अर्थ और विज्ञान मंत्रालय के सेक्रेटरी एम रविचंद्रन ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि उत्तर प्रदेश में इस साल मानसून में अच्छी बारिश होगी। पिछले मानसून सीजन से लगभग 15 से 20 प्रतिशत अधिक पानी बरसने का अनुमान है। मानसून सीजन में प्रति वर्ष औसत बारिश 947 मिमी होती है। पिछले वर्ष औसत बारिश हुई थी। 96-104 प्रतिशत बारिश आम है। 90 प्रतिशत से कम बारिश को सामान्य से बहुत कम मानते हैं, 90 से 95 प्रतिशत को सामान्य से अधिक, 104 से 110 प्रतिशत को सामान्य से अधिक और 110 प्रतिशत से अधिक को बहुत अधिक मानते हैं।
पिछली बार जब मानसून बुंदेलखंड के रास्ते आया था
यूपी के सोनभद्र जिले में मानसून हमेशा आता है। लेकिन पिछले साल बुंदेलखंड के ललितपुर से मानसून आया था। इसकी वजह थी कि बंगाल की खाड़ी से उठा मानसून पश्चिम बंगाल और बिहार के बॉर्डर पर रुक गया। इससे जून में बारिश 41 प्रतिशत घटी। 1 जून से 29 जून तक 53.1 मिमी और 89.1 मिमी बारिश हुई।
क्या उत्तर प्रदेश में भी ऐसा होगा अगर मानसून केरल में समय से पहले आता है? IMD के एक अधिकारी ने कहा कि देश भर में मानसून की शुरुआत और कुल बारिश के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। केरल में जल्दी या देर से आने वाले मानसून का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य भागों पर भी उसी तरह प्रकट होगा। BHU के मौसम वैज्ञानिक ज्ञान प्रकाश सिंह कहते हैं कि हवा और दबाव मानसून की चाल को प्रभावित करते हैं। इस बार मौसम में कई बदलाव देखे गए हैं, इसलिए अभी कुछ नहीं कहना सही होगा।
इसलिए मानसून आने में देरी होती है
मानसून को आगे बढ़ाने के लिए हवाओं की गति विशेष रूप से अनुकूल होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर को नम हवाएं अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आती हैं। यदि राजस्थान और थार मरुस्थल से आने वाली हवाएं अधिक तेज होती हैं, तो मानसून आगे नहीं बढ़ सकता। मानसून को सिर्फ अरबी सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं आगे बढ़ाती हैं। अरब सागर में कोई साइक्लोन आने पर मानसून की हवाएं और तेजी से आगे बढ़ने लगती हैं।
8 साल में मानसून कभी समय पर नहीं आया
मौसम विभाग के अनुसार, यूपी में मानसून 18 जून से शुरू होगा। लेकिन पिछले आठ वर्षों में मानसून ने यूपी में निर्धारित तिथि पर कभी नहीं पहुंचा। पिछले वर्ष मानसून दस दिन देरी से आया था।