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क्या अगले महीने से खुले बाजार में शुरू होगी गेहूं की खरीद-बेच? जानिए केंद्र सरकार का प्लान

Sale Of Wheat : लगभग पूरे भारत देश में गेहूं की कटाई कर ली गई है। किसानों द्वारा गेहूं की फसल बेचीं भी जा चुकी है। अप्रैल महीने में गेहूं की खुदरा मुद्रासफीती बढ़कर हुई 6.2 प्रतिशत।

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क्या अगले महीने से खुले बाजार में शुरू होगी गेहूं की खरीद-बेच? जानिए केंद्र सरकार का प्लान

Saral Kisan, Sale Of Wheat : बाजार में गेहू का भाव आंकड़ा लगाने के बाद केंद्र सरकार अगले महीने से ओपन मार्केट में फिर से बिक्री शुरू कर सकती है. भारतीय खाद्य मंत्रालय के अफसरों ने कहा कि सरकार गेहूं की बाजार भाव पर कड़ी नजर रख रही है, परंतु 2024-25 अप्रैल-जून में करीब 27 मिलियन टन गेहू की अनुमान के हिसाब से खरीद थोक थोक में बेचने के लिए काफी है. यदि आने वाले महीनों में रेट बढ़ने लगा तो उसे रोकने के लिए सरकार खुले बाजार में गेहूं बेच सकती है.

भारतीय खाद्य मंत्रालय अधिकारियों के मुताबिक जहां तक गेहूं स्टॉक की बात है तो पिछले वर्ष के बजाए हम काफी अच्छी स्थिति में हैं और बाजार हस्तक्षेप कार्यक्रम के सभी रास्ते खुले हैं।  रबी सीज़न के शुरुआत दोर में भारतीय खाद्य मंत्रालय ने चालू सीज़न में 30-31 मिलियन टन गेहूं क्रय का आडिया लगाया था. परंतु भारत के मध्य प्रदेश में 8 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले 4.78 मिलियन टन खरीद की कम मात्रा ने पूरे टारगेट को प्रभावित किया है. एजेंसियों द्वारा गेहूं की खरीद 26.29 मिलियन टन को पार कर गई है, जबकि 2023-24 सीज़न की खरीद 26.19 मिलियन टन थी.

12.4 मिलियन टन गेहूं खरीद गई 

राज्य पंजाब में गेहू खरीद का जिम्मा संभालने वाली पांच एजेंसियां, केंद्रीय पूल स्टॉक में सबसे बड़ी योगदानकर्ता, चालू सीजन में रिकॉर्ड 12.5 मिलियन टन गेहूं खरीदने के लिए तैयार हैं, जिसमें से 12.4 मिलियन टन पहले ही किसानों से खरीदा जा चुका है. अधिकारी ने कहा कि व्यापारियों ने चालू सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,275 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक पर किसानों से गेहूं खरीदा है, इस उम्मीद में कि खरीद सीजन खत्म होने के बाद कीमतें बढ़ेंगी. अधिकारी के मुताबिक, हम अगले महीने आपूर्ति की स्थिति का आकलन करेंगे, क्योंकि फिलहाल कीमतें स्थिर हैं.

स्टॉक में कितना बचा है गेहूं

भारतीय खाद्य मंत्रालय अधिकारियों ने कहा कि 1 अप्रैल को चालू सीज़न की शुरुआत में, केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 16 साल के निचले स्तर 7.5 मिलियन टन पर गिर गया है, जो 1 अप्रैल, 2023 को 8.3 मिलियन टन अनाज स्टॉक के मुकाबले 7.46 मिलियन टन के बफर के करीब था. शुरुआती सीज़न के स्टॉक की भरपाई इस सीज़न में अधिक खरीद से हो जाती है. अधिकारी की माने तो सालाना, सरकार को मुफ्त राशन योजना - प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना सहित सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए 18.4 मिलियन टन अनाज की आवश्यकता होती है. भारतीय खाद्य निगम के पास वर्तमान स्टॉक लगभग 28 मिलियन टन है, जो बाजार हस्तक्षेप कार्यक्रम चलाने के लिए पर्याप्त होगा.

10 मिलियन टन गेहूं बेचा

फसल वर्ष 2023-24 में, भारतीय खाद्य मंत्रालय ने थोक खरीदारों को कम कीमत पर रिकॉर्ड 10 मिलियन टन गेहूं बेचा था. पिछले वित्त वर्ष में साप्ताहिक नीलामी के माध्यम से खुले बाजार में गेहूं बेचने के अलावा सरकार ने 'भारत आटा' पहल भी शुरू की, जहां नेफेड और एनसीसीएफ जैसी एजेंसियां पिछले साल से खुदरा बाजार में 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम पर आटा बेच रही हैं. पिछले साल, सरकार ने जून में थोक खरीदारों को खुले बाजार में अधिशेष गेहूं बेचना शुरू किया, जबकि जनवरी, 2023 में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर रिकॉर्ड 25.05 फीसदी हो गई. पहले की नीति के अनुसार, निगम केवल लीन सीजन (जनवरी-मार्च) के दौरान आटा मिलों जैसे थोक खरीदारों को अधिशेष गेहूं बेच रहा था.

112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य

अप्रैल में गेहूं की खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.02 फीसदी हो गई, जबकि मार्च, 2024 में मूल्य वृद्धि 4.74 फीसदी थी. उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार गेहूं की मॉडल खुदरा कीमतें वर्तमान में 28 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले कुछ समय से अपरिवर्तित बनी हुई है. सरकार ने 2022-23 में 110.5 मिलियन टन के अनुमानित उत्पादन के मुकाबले 2023-24 जुलाई-जून के लिए रिकॉर्ड 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है. 

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