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क्या कारण है टमाटर की कीमतों में एकदम उछाल का? जानिए महंगाई की असली वजह

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Saral Kisan: कुछ दिन पहले तक, टमाटर जो 10 से 20 रुपये किलो बिक रहा था, अब अचानक दशहरी, जर्दालु, और लंगड़ा आम से भी महंगा हो गया है. लोगों कीमतों के बढ़ने के कारण अब टमाटर के बजाए आम और सेब की ओर रुख कर रहे हैं. यहां बात दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और हरियाणा सहित देश के अन्य हिस्सों में भी इसकी कीमत बढ़ गई है. अब लोगों को एक किलो टमाटर के लिए 100 से 120 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, जबकि 10 दिन पहले तक यह 15 से 20 रुपये किलो बिक रहा था. ऐसा होने का कारण क्या हो सकता है?

जब अप्रैल और मई महीने में टमाटर के कौड़े के भाव में बिक रहा था, थोक मार्केट में इसकी कीमत 3 से 5 रुपये किलो पहुंच गई थी. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और महाराष्ट्र के किसानों को उपजाऊ कोष्ठ के मुताबिक नुकसान हो रहा था. इन राज्यों में किसान 2 रुपये किलो के भाव में टमाटर बेचने पर मजबूर हो गए थे. इस तरह की परेशानी के चलते, किसानों ने टमाटर को सब्जी मंडी के बाहर ही सड़कों पर फेंक दिया था. लेकिन मानसून के आगमन के साथ ही, टमाटर की कीमतें अचानक आसमान छूने लगी है.

मंडी के व्यापारियों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की आपूर्ति में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसके कारण होलसेल मार्केट में ही टमाटर कीमतें बढ़ गई हैं। अब दुकानदार हॉलसेल में 70 से 80 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे हैं। साथ ही, जानकारों का कहना है कि आगामी महीने तक टमाटर की कीमतें महंगी ही रहेंगी।

बारिश के कारण फसलें बर्बाद हो गईं।

गाजीपुर सब्जी मंडी के व्यापारी और मंडी अध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में टमाटर सहित सभी सब्जियों की कीमतें महंगी रहने वाली है। टमाटर की कीमतों के बढ़ने के संबंध में प्रसाद ने बारिश को जिम्मेदार ठहराया है, क्योंकि दिल्ली-एनसीआर सहित कई राज्यों में टमाटर की फसलें बर्बाद हो गईं हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में टमाटर की आपूर्ति उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से होती है। लेकिन अधिक बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है। इसके कारण टमाटर की लट्ठियाँ टूट गईं। साथ ही खेतों में कीचड़ होने की वजह से किसान बचे हुए टमाटर भी नहीं तोड़ पा रहे हैं। इससे टमाटर की उत्पादन भी प्रभावित हुई है। इसके कारण दिल्ली-एनसीआर में आपूर्ति प्रभावित होने के कारण टमाटर महंगे हो गए हैं।

वर्तमान में दिल्ली और आसपास के बाजारों में टमाटर हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और बेंगलुरु से आ रहे हैं, जो कि मार्केट में टमाटर के रेटों में बढ़ोतरी का कारण बना है। इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन पर अधिक खर्च हो रहा है। पहले तो दो सप्ताह पहले तक 50 किलो के टमाटर का क्रेट 50 से 100 रुपये में मिलता था, लेकिन अब थोक बाजार में इसकी कीमत 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।

इसके कारण तमाम बजारों में कीमतें बढ़ गई हैं। गाजीपुर मंडी में पहले हर रोज़ 20 से 30 ट्रक टमाटर आता था, लेकिन अब केवल 10 से 11 ट्रक ही पहुंच रहे हैं। इसलिए सप्लाई और मांग में बड़ा अंतर होने के कारण कीमतें बढ़ गई हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उचित कीमत न मिलने के कारण किसानों ने टमाटर की रोपाई को कम कर दिया है और उनकी जगह पर बींस की खेती की है, जिससे रेटों में बढ़ोतरी हुई है।

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