राजस्थान में पलटी मारेगा मौसम, सुस्त मानसून में इन जिलों में जमकर बरसेंगे बादल
Heavy Rain Warning : राजस्थान में मानसून की रफ्तार अब धीमी हो चुकी है. राजस्थान में आने वाले दिनों में कई इलाकों में भारी बरसात का नया दौर शुरू होने का अनुमान है. मानसून की ट्रंप लाइन अब शिफ्ट हो चुकी है. एक परिसंचरण तंत्र दक्षिणी पश्चिमी राजस्थान के ऊपर बना हुआ है.

Rajasthan Monsoon News: राजस्थान में मानसून की धीमी रफ्तार के बावजूद प्रदेश के कई जिलों में बरसात का नया एडल्ट जारी हुआ है. मौसम विभाग की तरफ से बादल गरजने के साथ बिजली कड़कने और कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मंगलवार को जारी हुआ है. 22 जुलाई और 23 जुलाई को उत्तर पूर्वी और दक्षिण पूर्वी राजस्थान में कहीं-कहीं मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना है। आज पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर संभाग के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
मानसून की ट्रफ लाइन
राजस्थान में मानसून ट्रफ लाइन के उत्तर की ओर शिफ्ट होने से बारिश में थोड़ी कमी आई है. मौसम विभाग ने कहा कि मानसून की ट्रफ लाइन सामान्य से उत्तर की ओर चली गई है। आजकल जम्मू और चंड़ीगढ़ से ट्रफ लाइन गुजर रही है। दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान पर भी एक वितरण तंत्र बनाया गया है। आगामी दिनों में पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना है। राजस्थान में मानसून की गति कम हो गई है, लेकिन 22 जुलाई को चार जिलों में भारी बारिश का नया अलर्ट जारी किया गया है। मंगलवार को प्रतापगढ़, झालावाड़, अलवर और चित्तौड़गढ़ में भारी बारिश का येलो अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है। साथ ही मेघगर्जन और वज्रपात की चेतावनी भी दी गई है।
जल्द ही एक नया चरण शुरू होगा
22 जुलाई और 23 जुलाई को उत्तर पूर्वी और दक्षिण पूर्वी राजस्थान में कहीं-कहीं मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना है। आज पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर संभाग के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बाद में अगले चार से पांच दिन तक केवल छोटे-छोटे स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 27 जुलाई से 28 जुलाई के आसपास पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश का एक नया दौर शुरू होने की उम्मीद है।
खेतों को बारिश से कुछ राहत मिली
रविवार को प्रतापगढ़ के धोलापानी क्षेत्र में दिनभर रिमझिम बारिश हुई। इस बदले मौसम से खेतों में हरियाली की उम्मीद जगी। वहीं आम लोगों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बारिश के दौरान कई कच्चे रास्तों पर कीचड़ और फिसलन हुई, जिससे आवागमन बहुत मुश्किल हो गया। जरूरी कामों के लिए बाहर निकलना भी क्षेत्र के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में मुश्किल था। स्थानीय लोगों ने कहा कि खेतों को बारिश से कुछ राहत मिली है।