इस बार देश में चलेगा शानदार बारिश का दौर, इन राज्यों में 106 % तक होगी बारिश
Weather update: मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया देश में जून माह की शुरुआत तेज बारिश के साथ होने की संभावना है। इस महीने में 108 प्रतिशत बारिश हो सकती है।

Saral Kisan, Weather update: देश में इस बार मानसून सीजन (जून से सितंबर) में बादल जमकर मेहरबान रहेंगे। इस दौरान सामान्य से 6 फीसदी अधिक यानी कुल 106 प्रतिशत बारिश हो सकती है। इसमें 4 फीसदी कम या ज्यादा संभव है। मौसम विभाग (आइएमडी) ने मंगलवार को बारिश का संशोधित अनुमान जारी किया। विभाग ने अप्रेल में 105 फीसदी बारिश होने की संभावना जताई थी।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को जानकारी दी कि देश में जून महीने की शुरुआत तेज बारिश के साथ होने की संभावना है। इस महीने में 108 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है, यानी इस दौरान 87 सेमी से अधिक वर्षा होगी। इसे लॉन्ग पीरियड एवरेज (एलपीए) कहा जाता है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक बारिश, यानी 106 प्रतिशत से ज्यादा होने की संभावना है। इसके अलावा, उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य बारिश, यानी 92 से 108 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। वहीं, पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम, यानी 94 प्रतिशत तक बारिश होने की संभावना है।
देश में सामान्य से अधिक बारिश होगी
IMD के मुताबिक देश के मानसून कोर जोन के राज्यों में सामान्य से ज्यादा 106 प्रतिशत बारिश का अनुमान है। इन राज्यों में अधिकांश बारिश आधारित कृषि क्षेत्र शामिल हैं, जिससे किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र और आस-पास के राज्य शामिल हैं।
किसानों को मिलेगी राहत
महापात्रा ने कहा कि सामान्य से अधिक बारिश किसानों के लिए राहत का कारण बनेगी। उन्होंने बताया कि जून महीने में ही किसान खरीफ फसलों की बुवाई की प्रक्रिया शुरू करते हैं। जून में औसत से अधिक बारिश के कारण हीटवेव में कमी आने की संभावना है। हालांकि, अधिक बारिश के कारण दिन में उमस बढ़ेगी और आम लोग गर्मी अधिक महसूस करेंगे।
लॉन्ग पीरियड एवरेज क्या है
मौसम विभाग के मुताबिक 1971-2020 की अवधि के दौरान बारिश के आधार पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज का निर्धारण किया है, जो 87 सेमी (870 मिमी) है। यदि किसी वर्ष बारिश 87 सेमी से अधिक होती है, तो उसे सामान्य से अधिक माना जाता है। यदि कम होती है, तो उसे कमजोर मानसून माना जाता है।
कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना
आइएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम हिस्से में बने कम दबाव के क्षेत्र में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है, जिससे दक्षिण-पश्चिम मानसून को मजबूती मिल रही है। केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अगले 6-7 दिनों में मूसलाधार बारिश हो सकती है। 28 से 30 मई तक केरल, दक्षिण कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ क्षेत्रों में तूफानी हवाओं के साथ अत्यधिक भारी वर्षा संभव है। कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में बारिश का जोर बना रहेगा।
पश्चिम विक्षोभ का असर
इसके साथ ही, 29 मई से उत्तर भारत में नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है। इससे हिमालयी क्षेत्रों और उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं और कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। हिमाचल में ओलावृष्टि भी संभव है। पूर्वी राज्यों जैसे बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अगले कुछ दिनों तक गरज और बिजली के साथ बारिश का दौर जारी रहेगा।