धान के लिए वरदान साबित हुआ बिपरजाय, इस राज्य में एक महीने तक मूसलाधार बारिश का अनुमान
Weather Forcast: अरब सागर में उठे बिपरजाय चक्रवाती से गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में क्षति हुई है, लेकिन इससे धान की खेती के लिए एक वरदान बन सकता है। चक्रवाती के कारण उत्तर-मध्य भारत में निम्न दाब का क्षेत्र विकसित हो रहा है। यह बंगाल की खाड़ी में अटके मानसून को गति प्रदान करेगा। इससे धान उत्पादक राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और हरियाणा सहित देश के लगभग आधे हिस्से में आगामी एक महीने तक अच्छे मौसम का माहौल बन सकता है। इन राज्यों में वर्षा अभी तक कम हुई है।
प्री-मानसून की स्थिति:
जून में यूपी में 93 प्रतिशत, बिहार में 83 प्रतिशत, और मध्य प्रदेश में 81 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। हालांकि, अब प्री-मानसून वर्षा की स्थिति सुधार रही है। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि चक्रवाती के कारण मानसून के आगमन में कुछ विलंब हुआ है, जिसके कारण धान की फसल लगाने में थोड़ी देर हुई है।
लेकिन अब रोवाई का काम तेजी से बढ़ सकता है। उम्मीद है कि 25 जून से गर्मी से पीड़ित बिहार और पूर्वी यूपी की फसलों को राहत मिलेगी। मौसम विज्ञानी डॉक्टर एन सुभाष के अनुसार, चक्रवाती के बाद वायुमंडलीय परिस्थितियां मानसून के लिए अनुकूल हो गई हैं। 24 जून के आसपास, यूपी में निम्न दाब की क्षेत्र स्थापित होगी, जिससे बंगाल की खाड़ी में रुकी हुई हवा पूर्व की ओर बढ़ेगी। 25 जून तक बिहार और झारखंड में वर्षा होने लगेगी, और 27 जून तक पूर्वी यूपी में मानसून पहुंच सकता है।
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