Watermelon Farming: मधुबनी जिला है तरबूज का हब, किसान कर रहे तगड़ी कमाई
बिहार के मधुबनी जिले के अंतर्गत आने वाले शहर जयनगर में तरबूज, खीरे और अन्य सब्जियां की खेती भरपूर मात्रा में की जाती है। कमला नदी में बालू की मात्रा अधिक होने के कारण यह जमीन इन फसलों के लिए लाभदायक है।
Watermelon Farming: चिलचिलाती गर्मी का मौसम आ चुका है और इस समय पानी की मात्रा काफी बढ़ चुकी है। यह समय आते ही लोगों की मांग रहती है कि वह अधिक से अधिक पानी वाले फलों को खाएं। इन फलों की अगर बात की जाए तो लोगों का सबसे पसंदीदा फल तरबूज ही रहता है। बिहार के मधुबनी जिले में सबसे अधिक तरबूज की पैदावार कमला नदी के किनारे की जाती है। नदी के किनारे शानदार तरबूज की खेती होती है और साथ ही पास लगते सभी राज्यों में इसकी सप्लाई की जाती है।
यहां पर तरबूज, ककड़ी सहित कई सब्जियों की भरपूर मात्रा में खेती होती है। क्योंकि कमला नदी नजदीक होने के कारण नदी के किनारे तरबूज की खेती होती है। तरबूज गर्मियों के लिए रामबाण इलाज होता है, जिससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है। बालू मिट्टी के कारण नदी के किनारे तरबूज की खेती होती है। क्योंकि बालू मिट्टी पानी अधिक सौकती है, जिससे किसानों को कम मेहनत करनी पड़ती है। खेतों में पानी कहीं और से नहीं कि इस नदी से डाला जाता है।
खेत से बिक जाता है तरबूज
यहां के किसान अपनी आर्थिक आय बढ़ाने के लिए तरबूज, खीरा ककड़ी आदि बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इन सब्जियों को बेचने के लिए इन्हें कहीं दूर बाजार ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि व्यापारी खुद आकर इसे थोक में माल खरीद लेते हैं। यहां से जिले के बाहर अन्य जिलों जैसे कि दरभंगा समस्तीपुर मुजफ्फरपुर जिलों के साथ-साथ अन्य राज्यों झारखंड बंगाल और नेपाल में भी इन फलों की सप्लाई की जाती है। अगर तरबूज के रैटों की बात की जाए तो मात्र 10 से ₹15 प्रति किलो यहां मिल जाता है।