ग्राहकी नहीं होने से तुअर दाल में 200 रुपए नरमी, चना हुआ स्थिर
Pulses Rate Rise : ग्राहकी नहीं होने से तुअर दाल के भावों में काफी गिरावट आई है। पिछले 15 दिनों में करीब 800 रुपए का अंतर आ चुका है। तुअर दाल के भाव में 200 रुपए की कमी आई। बाजार में ग्राहकी बिल्कुल नहीं है। इससे दाल-दलहन के भाव स्थिर हो गए हैं। चना कांटा जहां 7300 रुपए के पार चला गया था, वहीं खरीद नहीं होने से यह भी 7000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया है।
व्यापारिक धारणा है कि आने वाले दिनों में चने के भाव में और नरमी आने की संभावना है। वहीं गेहूं की आवक लगातार कमजोर होती जा रही है। मालवराज क्वालिटी के गेहूं की जरूर जांच हो रही है। फिलहाल पूरा बाजार बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। मध्य प्रदेश में 80 लाख टन के तय लक्ष्य के मुकाबले 48.40 लाख टन यानी 60 फीसदी गेहूं की खरीद से चिंतित सरकार ने वहां खरीद की समयसीमा 25 जून तक बढ़ा दी है।
जमाखोरी रोकने के लिए जांच अभियान
अधिकारी ने कहा कि सामान्य से अधिक मानसून के पूर्वानुमान से दलहनों की बुआई का रकबा बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे दालों की कीमतों में नरमी आएगी. उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सभी जरूरी उपाय करेगी. भारत ने पिछले वित्त वर्ष में करीब 8 लाख टन तुअर और 6 लाख टन उड़द का आयात किया था. सचिव ने कहा कि उनका विभाग आयात बढ़ाने के लिए वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के साथ-साथ घरेलू खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और बड़ी खुदरा फर्म के साथ लगातार संपर्क में है, ताकि जमाखोरी को रोका जा सके.