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गन्ने का भरपूर उत्पादन लेने के लिए इन बात का रख ध्यान, पौधे का तना होगा मजबूत

Sugarcane Cultivation  :देश में खरीफ सीजन की कुछ फसल लगभग पक कर कटाई के लिए तैयार है। किसान आगामी फसल बोने का प्लान बना रहे हैं। यह महीना गन्ने की फसल बुवाई के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस समय अगेती बोई हुई गन्ने की फसल किसानों को मालामाल कर सकती है। चलिए जानते हैं गन्ने की फसल के बारे में कुछ विशेष बातें..

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गन्ने का भरपूर उत्पादन लेने के लिए इन बात का रख ध्यान, पौधे का तना होगा मजबूत

How To Cultivate Sugarcane : भारत के कई राज्य में कुछ खरीफ सीजन की फसल कटाई के कगार पर है। किसान पक्की हुई फसल की कटाई कर खेतों को खाली करने का प्लान बना रहे हैं। इसी बीच किसानों को आगे रबी सीजन में पकने वाली फसल बोने की चिंता हो रही है। ऐसे में  किसानों को गहरी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिन किसानों के पास पानी की अच्छी व्यवस्था है उनके लिए गन्ने की फसल बेहद कारगर साबित होगी।

गन्ने की फसल किसानों के लिए बेहद मुनाफे वाली फसल है। अच्छा तथा चीनी के उत्पादन के लिए गन्ना अपना विशेष स्थान रखता है। चीनी तथा गुड़ बनाने के साथ-साथ गन्ने का जूस के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इस वजह से गन्ने की मांग अत्यधिक रहती है। कम लागत में किसान इस फसल से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

बुवाई करने का तरीका

गन्ने की फसल बोने से पहले खाली खेत की अच्छी तरह जुताई की जाती है। इसके बाद किसान 90 से 120 सेंटीमीटर की दूरी की पंक्तियों में 8 से 10 सेंटीमीटर की गहरी बुवाई की जाती है। इस वजह से पौधे को उचित दूरी मिल जाती है, इसके साथ ही पौधे की जड़े मजबूत होने के कारण पोषक तत्वों का सही मात्रा में प्रयोग करने का मौका मिलता है। दूरी की वजह से पौधे को जरूरत के हिसाब से हवा तथा धूप और पोषण मिलता है। इन सभी चीजों की पूर्ति होने के कारण फसल में तेजी से वृद्धि होती है, और इसी के साथ खेत में खरपतवार के लिए देखभाल करना आसान होता है।

खाद का प्रयोग 

गन्ने की फसल मैं जैविक खाद का प्रयोग बेहद लाभदायक साबित हो सकता है, इसी के साथ संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन फास्फोरस तथा पोटाश जैसी रासायनिक खाद का प्रयोग भी जरूरी है। यह सभी खाद है पौधे के विकास के लिए बेहद कारगर साबित होती है तथा पौधे के तने को मजबूत बनाती है। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि वार्मिंग का पोस्ट का प्रयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने तथा पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने में सहायता करता है। इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है और फसल की गुणवत्ता को बढ़ोतरी मिलती है।

सिंचाई

गन्ने की फसल को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। सुख के दौरान ड्रिप सिस्टम से सिंचाई कर चंद्र संरक्षण तथा पौधे का बेहद विकास किया जा सकता है। इससे पौधा अच्छी वृद्धि करता है तथा फसल की उपज में बढ़ोतरी होती है।

कीट पतंग से बचाव

किसान लगातार फसल का निरीक्षण करते रहे। क्योंकि कई बार मौसम की वजह से फसल कीटों का प्रकोप हो सकता है। किसान कीटों का असर देखते ही तुरंत नजदीकी कृषि वैज्ञानिकों से परामर्श कर रोग की रोकथाम के लिए कीटनाश का छिड़काव करें। समय-समय पर देखभाल करने से किसानों को अपनी मेहनत का अच्छा परिणाम मिल सकता है।

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