सूखे या कम बारिश वाले क्षेत्रों में उगा सकेंगे धान की ये किस्म, 90 दिन में पक जाएगी फसल
Paddy Cultivation :भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां पर लोग ज्यादातर खेती बाड़ी पर निर्भर करते हैं। यहां पर फसलों के खरीफ तथा रबी 2 सीजन होते है। फिलहाल खरीफ सीजन चल रहा है,इसकी मुख्य फसल धान है।
Paddy Farming : भारत में लोग परंपरागत खेती में काफी रूचि दिखा रहे हैं। देश में युवा भी खेती-बाड़ी में काफी रुचि दिखा मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। यहां पर मानसून की शुरुआत होते ही किसान बीजाई करने में लग जाते हैं। भारत में खरीफ तथा रबी दो सीजनों की फसल बोई जाती है।
देश में अभी खरीफ फसलों का सीजन चल रहा है। खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान को मानी जाती है। अगर आप भी धान की खेती करना चाहते हैं तो नए धान की किस्म की खेती से बेहद मुनाफा कमा सकते हैं।
धान की रोपाई
धान की रोपाई के लिए जून से लेकर जुलाई का महीना सबसे बेस्ट माना जाता है। जिन राज्यों में मानसून देरी से पहुंचती है वहां धान की रोपाई देरी से की जाती है। इस बार कम बारिश के कारण कई राज्यों में अभी तक धान की फसल नहीं बोई गई है। धान की खेती करने के लिए भरपूर पानी की आवश्यकता होती है। इसी कारण कम बारिश की वजह सेअभी तक धान की रोपाई नहीं हो पाई है।
तैयार की गई धान की खास किस्म
सामान्य धान की वैरायटी के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है। जिन किसानों के पास पानी की व्यवस्था अच्छी नहीं होती वह समय पर धान की रोपाई नहीं कर पाते हैं। यह सब देख कृषि वैज्ञानिकों ने धान की एक खास वैरायटी तैयार की है। तैयार की गई है वैरायटी किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
सूखे इलाकों के लिए कारगर धान की यह वैरायटी
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जो धान की खास किस्म तैयार की गई है, उसे कम बारिश वाले इलाके में बोया जा सकता है। यानी ऐसे इलाकों में जहां सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में कम पानी होता है वह इस किस्म की बुवाई की जा सकती है।
धान की इस वैरायटी को सीधे खेत में रोपाई की बजाय बिजाई के माध्यम से लगाई जा सकती है। और इस फसल के पकाने की अवधि केवल 90 दिन है, पकने के बाद किसान इसे आसानी से कटाई कर निकाल सकते है।
धान की इन नई वैरियटयों की बुवाई खासकर झारखंड में की जा रही है। इनमें ब्राउन स्पॉट, स्टेम बोरर, ब्लास्ट, गैलमिज, लीफ फोल्डर, व्हाइट बेक्ड, प्लांट हॉपर कीट शामिल है।