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यह सुपर फूड आपको बना देगा मालामाल, प्रति एकड़ मिलेगा 6 लाख तक का प्रॉफ़िट

वैज्ञानिक नाम साल्विया हिस्पानिका है, जो कि फूल वाला पौधा है। इसको मूल रूप से मध्य व दक्षिणी मैक्सिको और ग्वांटेमाला की प्रजाति का माना जाता है। इसके पौधे से एक खास प्रकार की गंध आती है, साथ ही पत्तों पर बाल उगे रहते हैं।
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यह सुपर फूड आपको बना देगा मालामाल, प्रति एकड़ मिलेगा 6 लाख तक का प्रॉफ़िट 

Saral Kisan: भारत सरकार का लक्ष्य है कि साल 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना किया जा सके। इस लक्ष्य को पूरा करने में सरकार तमाम प्रयास भी कर रही है। इसमें कई फसलों की खेती अहम भूमिका निभा रही हैं, जिसमें चिया सीड्स (Chia Seeds) जैसी फसल का नाम भी शामिल है। चिया सीड्स (Chia Seeds) को सुपर फूड भी माना जाता है।

चिया सीड्स की खेती संबंधी जानकारी (Chia Seeds Cultivation Information):

इसका वैज्ञानिक नाम साल्विया हिस्पानिका है, जो कि फूल वाला पौधा है। इसको मूल रूप से मध्य व दक्षिणी मैक्सिको और ग्वांटेमाला की प्रजाति का माना जाता है। इसके पौधे से एक खास प्रकार की गंध आती है, साथ ही पत्तों पर बाल उगे रहते हैं। ऐसे में पशु इससे दूर रहते हैं और नुकसान नहीं पहुंचाते। इसके अलावा बीमारियां भी नहीं लगती हैं। इसके चिया गुण किसानों को काफी लाभ पहुंचाते हैं। इसकी खेती स्वास्थ्य के प्रति सजग देशों में खूब की जाती है। बता दें कि कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में खेती की जाती है।

दो तरह से होती है चिया सीड्स की खेती (There are two ways of cultivation of chia seeds):

इसकी खेती पूरे तरह से जैविक होती है, साथ ही काफी आसान है। इसके साथ ही 2 तरह से बुवाई होती है। अगर छिड़काव विधि से बुवाई करते हैं, तो एक एकड़ जमीन में लगभग एक से डेढ़ किलो बीज लगता है। अगर दूसरी विधि धान की खेती की तरह है. यानी पहले आप नर्सरी में बीज तैयार करते हैं और फिर खेत में रोपाई करते हैं, तो एक एकड़ में आधा किलो बीज से काम चल जाता है। ध्यान दें कि छिड़काव विधि में मेहतन कम लगती है और बीज ज्यादा लगता है, तो वहीं दूसरी विधि में इसका उलटा होता है।

खेत की तैयारी (Farm Preparation):

सबसे पहले 2 से 3 बार जुताई करके मिट्टी को भूरभूरा बना लें।

इसके बाद पट्टा चलाकर खेत को समतल कर दें।

अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई से पहले खेत में उचित नमी होनी चाहिए।

बुवाई का सही समय अक्टूबर और नवंबर का महीना होता है।

इसकी अच्छी पैदावार के लिए निराई जरूरी है। ध्यान दें कि कम से कम 2 बार निराई करनी चाहिए।

चिया सीड्स की खासियत (Features of Chia Seeds):

यह फसल 110 से 115 दिनों में तैयार हो जाती है।

सिंचाई (Harvesting):

इसकी खेती के लिए सिंचाई की कोई खास आवश्यकता नहीं होती है। बता दें कि इसकी पौध काफी कमजोर होती है, इसलिए जलजमाव की वजह से टूटने का डर बना रहता है। इसके साथ ही खेत में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।

तापमान (Temperature):

इसकी खेती के लिए मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है। अगर ठंड वाले पहाड़ी इलाकों को छोड़ दिया जाए, तो देशभर इसकी खेती की जा सकती है।

मिट्टी (Soil):

कृषि विशेषज्ञ का मानना है कि इसका उत्पादन दोमट और भूरभूरी मिट्टी में अच्छा होता है।

कटाई (Irrigation):

कटाई के समय तैयार फसल को पूरे पौधों से उखाड़ लिया जाता है। इसके बाद सूखाया जाता है फिर थ्रेसिंग की मदद से बीज को अलग कर दिया जाता है।

पैदावार (Yield):

इसकी खेती से एक एकड़ से औसतन 5 से 6 प्रति क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो सकती है।

मुनाफ़ा (Profit):

इसके बीज की कीमत लगभग 1 हजार रुपए के आसपास है। अगर आप एक एकड़ में इसकी खेती करते हैं, तो लगभग 6 लाख रुपए तक का मुनाफ़ा कमा सकते हैं।

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