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धान के खेत में कीटों को ख़त्म कर देगी ये दवा, कीड़े हो जाएंगे छूमंतर

Paddy Farming : मानसून की बरसात के बाद खरीफ फसल धान की रोपाई शुरू हो गई है। इस समय धान की फसल को कई रोग अपनी चपेट में ले लेते हैं। इन रोगों की अगर समय पर रोकथाम ना की जाए तो किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। चलिए जानते हैं इन रोगों कि रोकथाम के आसान तरीके.......

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धान के खेत में कीटों को ख़त्म कर देगी ये दवा, कीड़े हो जाएंगे छूमंतर

Dhan Ki Kheti : पूरे भारत में मानसून के साथ ही किसानों ने धान की बुवाई शुरू कर दी हैं। धान की रोपाई के समय तना छेदक तथा पत्ता लपेट रोग सबसे अधिक देखने को मिलता हैं। इन रोगों को नियंत्रित करने के लिए किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। समय से अगर इन रोगों की रोकथाम की जाए तो फसल कोभारी नुकसान से बचाया जा सकता है।

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के डॉक्टर नूतन वर्मा ने बताया कि तना छेदक रोग धान के पौधे के गोभ में छेद कर उसे खाने लगता है। इसके बाद पौधा सूखने लगता है। धीरे-धीरे यह किट अन्य पौधों को भी अपने चपेट में ले लेता है।

वहीं अगर हम पता लपेट कीट कि बात करें तो यह अपनी लार से पते को चिपका कर गोल ट्यूब की तरह बना देता है। यह भयंकर किट पते के क्लोरोफिल कहा जाता है। इसके बाद पते में सफेद धारिया बनने लगती है। जिसके बाद पत्तियां पूरी तरह सूखने लगती है।

एक दवा से नष्ट हो जाएंगे दोनों कीट

डॉ नूतन वर्मा ने कहा कि इन दोनों कीटों को नष्ट करने के लिए किसान कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी नाम की कीटनाशक दवाई का प्रयोग कर सकते हैं। यह दवाई एक एकड़ में 8 किलोग्राम की दर से बालू रेत के साथ मिलाकर खेत में छिड़काव कर दे। किसान धान की फसल बोने के बाद 30 दिनों तक यह विधि जरूर करें। ऐसा करने से दोनों कीटों की पहले और दूसरी पीढ़ी को नष्ट कर नियंत्रण किया जा सकता है।

दोबारा बीमारी होने पर क्या करें

धान मे इस रोग के लक्षण फिर से दिखाई देने पर किसान कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50 एसपी नामक दवाई का छिड़काव कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल 500 ml दवाई को 400 लीटर पानी में मिलाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव कर दें। कीटनाशक के छिड़काव के तुरंत बाद पत्ता लपेट और तना छेदक बीमारी नष्ट हो जाएगी।

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