चना की फसल में बड़ा नुकसान करेगा ये रोग, किसान समय रहतें रखें ध्यान

Gram Crop Tips : चने की खेती सौराष्ट्र क्षेत्र में व्यापक रूप से की जाती है, लेकिन इस बार चने की फसल सूखारा और जांबुडिया वायरस से पीड़ित है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को इन बीमारियों से बचने और फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए आवश्यक सलाह दी है।
बुवाई में देरी के कारण बीमारियों का खतरा
इस साल जामनगर जिले में सर्दी की शुरुआत देर से हुई, जिससे सर्दियों की फसलों की बुवाई पर भी असर पड़ा। गेहूं, चना और जीरा की फसलों की बुवाई में देरी हुई, इससे चने की फसल प्रभावित होने लगी है। इस देरी से किसानों को कुछ बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को इन बीमारियों को रोका जाना चाहिए।
फफूंदनाशक और सिंचाई के उपाय
जामनगर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक के. पी. बारैया ने कहा कि चने में भी सूखारा रोग होता है, जिसे रोकना बहुत महत्वपूर्ण है। किसानों को बुवाई के दौरान ट्राइकोडर्मा और अन्य फफूंदनाशक मिश्रण (फफूंदनाशक मिश्रण) का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। चने की फसल में सिंचाई भी महत्वपूर्ण है। किसानों को चने की फसल में सूखारा रोग होने पर 20 से 25 दिनों तक सिंचाई बंद करने की सलाह दी गई है, ताकि पौधों का सही विकास हो सके।
सिंचाई के दौरान विशेष सावधानियां
ध्यान दें कि सिंचाई करते समय पानी सीधे चने के तने में न जाए। सिंचाई के दौरान किसानों को विशेष प्रकार की नालियों का उपयोग करना चाहिए, ताकि पानी चने के तने के संपर्क में न आए। बादल छाए मौसम से बचते हुए, सिंचाई के लिए ठंडे और खुले मौसम में पानी देना चाहिए।
जांबुडिया वायरस और कीट नियंत्रण
जांबुडिया वायरस, जो चूसने वाले कीटों से फैलता है, चने की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन है। कृषि विशेषज्ञों ने इस वायरस से बचने के लिए सफेद मक्खी को नियंत्रित करने पर जोर दिया है। इसके लिए किसानों को सफेद मक्खी को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक रसायन छिड़कने की सलाह दी जाती है।
किसानों के लिए अहम सलाह
इन सभी उपायों का पालन करना बीमारियों से बचाव और अच्छा उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। विशेषज्ञों का कहना है कि चने की फसल का उत्पादन बेहतर हो सकता है और नुकसान कम हो सकता है अगर किसान इन आसान लेकिन प्रभावी उपायों का पालन करते हैं।