Wheat Purchase : वादा 2700 रुपए का था मिल रहे हैं 2400 रुपए, 60 फीसदी किसानों ने सरकार को नहीं बेचा गेहूं
Wheat Purchase In Bhopal : बीते 4 सालों में पंजाब के साथ गेहूं खरीद में टॉप 2 में रहने वाला मध्य प्रदेश इस साल तीसरे नंबर पर खिसक गया है। 80 लाख मीट्रिक टन (LMT) के लक्ष्य की जगह इस बार मध्य प्रदेश में सिर्फ 48 LMT गेहूं खरीदा जा सका। यह लक्ष्य से 40 फीसदी कम है, हालांकि मध्य प्रदेश में 15.46 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन सिर्फ 6.13 लाख ने ही सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचा।
मिली रिपोर्ट के अनुसार जब सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2,700 रुपए प्रति क्विंटल करने का वादा किया था, तो लाखों रजिस्ट्रेशन हुए थे। लेकिन, 125 रुपए बोनस के साथ खरीद मूल्य 2,400 रुपए प्रति क्विंटल ही रहा। इस वजह से किसान मंडियों में गए। वहां 2600 रुपए तक रेट मिल रहा था। समितियों में पुराना कर्ज काटकर भुगतान होता है, इसलिए 100-200 रुपए कम मिलने पर भी किसान मंडियों का रुख करते हैं। 2700 रुपए में किसान फायदे में होते, अब केंद्र का बफर स्टॉक खाली रहेगा।
भारतीय किसान संगठन के प्रवक्ता राहुल धूत ने बताया कि पंजीयन फरवरी के अंत में शुरू हो गए थे, लेकिन बोनस की घोषणा मार्च के दूसरे सप्ताह में हुई। इसके बाद किसानों ने मंडियों का रुख करना शुरू कर दिया। 20 मार्च के बाद खरीद शुरू हुई, जबकि मालवा जैसे इलाकों में फसल एक सप्ताह पहले आ जाती है। धूत के मुताबिक केंद्र का बफर स्टॉक आगे के सालों के लिए तैयार नहीं होगा। पीडीएस के लिए गेहूं खरीदना पड़ सकता है। कांग्रेस के किसान नेता केदार सिरोही ने बताया कि 2700 रुपए एमएसपी नहीं मिलने से किसानों ने मंडियों का रुख किया। केंद्र ने पिछले सालों में स्टॉक से गेहूं बेचा है। आंकड़ों के मुताबिक केंद्र के पास गेहूं का स्टॉक करीब 74 लाख टन है, जो 16 साल में सबसे कम है।
मध्य प्रदेश में 80 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य था।
इस बार केंद्र ने 320 से 330 एलएमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था। पंजाब को 130 एलएमटी का लक्ष्य मिला, जबकि मध्य प्रदेश और हरियाणा को 80-80 एलएमटी का लक्ष्य मिला। पंजाब ने 124, हरियाणा ने 71 एलएमटी की खरीद की है। मध्य प्रदेश में यह 48 लाख मीट्रिक टन ही है। 2020-21 में पंजाब पहले और मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा। वहीं, 2021-22 में पंजाब को पछाड़कर मध्य प्रदेश पहले नंबर पर आ गया।
एमएसपी का वादा पूरा करेंगे
खरीद क्यों कम हुई? इसकी समीक्षा करेंगे। ओलावृष्टि के कारण उत्पादन भी 15 से 20 प्रतिशत कम हुआ है। 2700 रुपए एमएसपी का वादा धीरे-धीरे पूरा करेंगे।