देश में अन्नदाताओं की बदलेगी किस्मत, फसलों की 1500 नई किस्में की जाएगी तैयार
High-yielding Varieties : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अगस्त को फसलों की 109 नई किस्म को देश के किसानों को समर्पित किया है. सरकार की तरफ से दी गई जानकारी में यह सभी फसलें ज्यादा उत्पादन देने वाली है। यह फसल जैव संवर्धित फसल किस्म है.
Agriculture in India : शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा की कृषि विकास और किसान कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने छह सूत्री रणनीति बनाई है। उत्पादन बढ़ाना, खेती की लागत कम करना, उपज का उचित मूल्य दिलाना, प्राकृतिक आपदाओं में उचित मात्रा में राहत उपलब्ध कराना, कृषि का विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना इसके महत्वपूर्ण पहलू हैं। उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के लिए सबसे जरूरी है अच्छे बीज, जो कम पानी और प्रतिकूल मौसम में भी बेहतर उत्पादन करने में सक्षम हों।
ग्लोबल वार्मिंग के बीच उत्पादकता एक चुनौती
पिछले 10 वर्षों में कृषि परिदृश्य तेजी से बदला है। ग्लोबल वार्मिंग के बीच उत्पादकता बढ़ाने की चुनौती है। इससे निपटने के लिए हमारा लक्ष्य अगले पांच वर्षों में जलवायु अनुकूल फसलों की 1500 नई किस्में तैयार करना है। एक किसान होने के नाते मैं यह अच्छी तरह समझता हूं कि अच्छे उत्पादन के लिए अच्छे बीज कितने जरूरी हैं। यदि बीज मिट्टी और मौसम की उपर्युक्त प्रकृति के अनुकूल हों तो उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
अलग-अलग होती हैं कृषि विविधता
विविधता भारतीय कृषि की विशेषता है। यहां थोड़ी दूर जाने पर खेती का मिजाज बदल जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे बीजों की 109 नई किस्में देश को समर्पित की हैं। इनमें से 69 की खेती की गई और इनमें 40 बागवानी की किस्में हैं। हमारा संकल्प है कि किसानों की मेहनत का सही मूल्यांकन हो और उन्हें उनकी फसलों का उचित मुआवजा मिले।
किसान बनेगे आत्मनिर्भर
किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए हम एमएसपी पर खरीद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के प्रयासों से खेती के साथ-साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन, औषधीय खेती। फूलों की खेती और अन्य संबंधित क्षेत्रों को मजबूत किया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में कृषि मंत्रालय का बजट 27 हजार 663 करोड़ रुपये था। जो 2024-25 में 1 लाख 32 हजार 470 करोड़ रुपये हो गया है। यह बजट केवल कृषि विभाग का है। कृषि से जुड़े क्षेत्र-उर्वरक सब्सिडी के लिए अलग से बजट है। सरकार किसानों को सस्ते दामों पर यूरिया और डीएपी उपलब्ध करा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसान आत्मनिर्भर हुए हैं। फसल बीमा योजना किसानों का सुरक्षा कवच है।
कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा
1 लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रा फंड के जरिए कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है। देशभर में 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र किसानों और विज्ञान को आपस में जोड़ रहे हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना के जरिए हमारी माताओं और बहनों को भी तकनीक से जोड़ा जा रहा है। अब तक 35 हजार कृषि सखियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
अगले पांच साल में हम 18 हजार करोड़ रुपये की लागत से 100 निर्यातोन्मुखी बागवानी क्लस्टर बनाएंगे। बाजार पहुंच को बेहतर बनाने के लिए 1500 से ज्यादा मंडियों को एकीकृत किया जाएगा। इसके अलावा 6,800 करोड़ रुपये की लागत से तिलहन मिशन शुरू कर रहे हैं। सब्जी उत्पादन क्लस्टर बनाने की भी तैयारी है। सरकार ने यह भी संकल्प लिया है कि दलहन फसलों में तुअर, उड़द और मसूर की पूरी खरीद एमएसपी पर की जाएगी। मुझे पूरा विश्वास है कि किसान भाई-बहन आजादी की अमरता में रहेंगे। हम भी आत्मनिर्भर बनेंगे और समृद्ध बनेंगे। साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी भंडार भरे रहेंगे।