किसानों के काम की बात : धान की नर्सरी में ना करें ऐसे बीजों का छिड़काव, अच्छे तरीके से करें प्रबंधन
Saral Kisan, Paddy Farming : भारत देश में अधिकतर किसान धान की फसल बोते हैं. भारत में अलग अलग राज्य के अंदर मानसून की सुरुआत होते ही धान की बिजाइ शुरू हो जाती है. किसानों को धान की रोपाई करने नर्सरी तैयार करनी पड़ती.धान की पौध जून मे तैयार की जाती है । एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार चावल से अधिक मुनाफा लेने के लिए धान के पौध का अच्छा होना बेहद जरूरी होता है.
नर्सरी तैयार करने से पहले बीज उपचार करने के साथ-साथ मिट्टी की जांच करवाकर उसके उपचार की प्रक्रिया जरूर करनी चाहिए. इससे फसलों में कीट लगने के साथ साथ अन्य अन्य कई प्रकार की समस्याओं का निवारण होता है. रोग से बचा पौधा होने से फसल अधिक उपज देती है, किसानों को मुनाफा काफी अच्छा होता है।
10 से 15 जून तक करें नर्सरी तैयार
पश्चिम चम्पारण जिले के मझौलिया प्रखंड के माधोपुर में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक अभिषेक प्रताप सिंह ने धान की बुआई हेतु नर्सरी प्रबंधन तथा कम खर्च में बेहतर उत्पादन के कुछ बेहद सटीक उपाय बताए हैं. एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार धान की खेती करने वाले किसान 10 से 15 जून तक पौधशाला में बीजों को गिरा सकते हैं तथा उसके बाद 25 दिन के अंतराल पर पौधे की रोपाई कर सकते हैं. इसके लिए मुख्य रूप से खेत को वर्मी कंपोस्ट तथा कंपोस्ट से अच्छी तरह से तैयार कर लें.
इस तरीके से करें पोषक तत्वों का प्रबंधन
अब बारी है पोषक तत्व प्रबंधन पर ध्यान देने की. एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार अधिकतर किसान धान की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रबंधन नहीं कर पाते हैं तथा मुख्य रूप से यूरिया, जीएपी एवं पोटाश पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में किसानों को चाहिए कि वो खेत को तैयार करते समय कम से कम 200 से 250 क्विंटल सड़े हुए गोबर का खाद डालें. इससे फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, कोबाल्ट, निकिल आयरन तथा मैंगनीज जैसे पोषक तत्वों की पूर्ति होती है.
आगे से पीछे की तरफ करें बीजों का छिड़काव
इतना करने के बाद अब धान की उन्नत किस्म को 24 घंटों के लिए पानी में भिगोए रखें. इसके बाद उसे छान कर जूट के बोरे से ढक दें. जब धान अंकुरित होने लगे तब उसे तैयार खेत में पलावा करने के बाद, पानी बैठने की स्थिति में छिड़काव करें. इस दौरान ध्यान रखें कि छिड़काव की प्रक्रिया को आगे से पीछे की तरफ क्रमवर पूरा करना है. इससे बीजों का अंकुरण बेहतर तरीके से होगा.अब बीजों के छिड़काव के बाद खेत में जमा पानी को बाहर निकाल दें, क्योंकि पानी की वजह से बीज सड़ने लगेंगे.