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चना के भाव में आया जोरदार उछाल, उड़द दाल रही सुस्त

Chana Mandi Bhav :चने में एक बार फिर तेजी आ गई है। अच्छी उठान के चलते चना और कांटा के भाव आसमान पर पहुंच गए। और वही उड़द दाल के भाव में  गिरावट दर्ज की गई है।

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चना के भाव में आया जोरदार उछाल, उड़द दाल रही सुस्त 

Chana Ka Bhav : चने में एक बार फिर तेजी आ गई है। अच्छी उठान के चलते चना और कांटा के भाव 7800 से 7850 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। दरअसल, शाम को भाव में 50 रुपए की तेजी आई। वहीं, चना विशाल के भाव में भी 100 रुपए की तेजी दर्ज की गई। नई उड़द आने के बाद उड़द दाल के भाव में जरूर 100 रुपए की गिरावट आई है। फिलहाल उड़द दाल 10800 रुपए प्रति क्विंटल तक बोली जा रही है।

इधर, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि चालू वर्ष के दौरान 20 अगस्त तक राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों का कुल उत्पादन रकबा बढ़कर 1031.56 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि के बुवाई रकबे 1010.52 लाख हेक्टेयर से 21.04 लाख हेक्टेयर अधिक है।  लाख हेक्टेयर अधिक है। इससे पहले वर्ष 2022 में खरीफ फसलों का रकबा 101299 लाख हेक्टेयर और 2021 में 1038.51 लाख हेक्टेयर था। वर्ष 2024 के खरीफ सीजन के लिए फसलों का पांच साल का औसत रकबा 1096 लाख हेक्टेयर आंका गया है, जिसमें से 1031.56 लाख हेक्टेयर रकबा है। 

बुवाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस औसत रकबे तक पहुंचने के लिए करीब 64.50 लाख हेक्टेयर में और बुवाई की जरूरत है। बुवाई की प्रक्रिया करीब एक महीने तक जारी रहेगी और इस बीच 60-65 लाख हेक्टेयर रकबे में फसलों की खेती होना कोई बड़ी बात नहीं है। जुलाई में की गई घोषणा के बावजूद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा अभी तक ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू नहीं करने के कारण इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की कीमत काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। 

 प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में गेहूं की आवक सीमित है और मिलर्स प्रोसेसर्स की ओर से भारी मांग है। गेहूं पर 44 प्रतिशत का भारी आयात शुल्क लगा होने के कारण विदेशों से गेहूं आयात करना आर्थिक दृष्टि से लाभकारी साबित नहीं हो रहा है।

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