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धान की फसल में नमक का छिड़काव करना सही या गलत? जानिए खेती विशेषज्ञ की राय

Dhan Ki Kheti :किसानों द्वारा लगभग धान की रोपाई का चरण पूरा कर लिया गया है। फसल की रोपाई करने के बाद उसकी बढ़ोतरी के लिए खाद का छिड़काव करना होता है। कीटो तथा जलवायु से बचाने के लिए 30 दिनों तक धान कि कड़ी निगरानी करनी पड़ती है।

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धान की फसल में नमक का छिड़काव करना सही या गलत? जानिए खेती विशेषज्ञ की राय

Spraying Salt In Paddy : रायबरेली में लगभग किसानों ने धान की रोपाई कंप्लीट कर ली है। आप फसल की बढ़ोतरी के लिए देखभाल का दौर जारी है। इस दौर में किसानों को फसल को बीमारी से बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। उन्हें फसल पर 30 दिनों तक लगातार निगरानी करनी पड़ती है ताकि फसल को किट और जलवायु से बचाया जा सके। अधिक पैदावार के लिए समय पर खाद और पानी देना आवश्यक होता है।

धान की फसल में रोग लगने का खतरा अधिक रहता है। किस बीमारी के बचाव के लिए अनेक प्रकार के जैविक तथा रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं। जिससे उनकी फसल रोग मुक्त रहती है। फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है। कुछ किसान ऐसे हैं जो अपनी फसल में कट तथा रोगों के बचाव के लिए नमक का छिड़काव करते हैं।

एक्सपर्ट की राय के मुताबिक नमक में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो धान की फसल फसल को बीमारी से बचने के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। रायबरेली में राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी शिव शंकर वर्मा ने बताया की किसान अपनी धान की फसल में रोगों की रोकथाम कर उत्पादन बढ़ाने के लिए एक तरह के रासायनिक और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं। साथ ही अनेक तरह की उर्वरकों का प्रयोग करते हैं। जिसकी वजह से उनकी फसल रोग मुक्त रहती है और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।

अधिकारी ने बताया कि धान के फसल में नमक का छिड़काव करने पर फसल में जड़ गलन रोग तथा खैरा रोग से  बचाओ रहता है। नमक जमीन में नमी बनाए रखने का काम करता है। क्योंकि धन की फसल में अधिक पानी की जरूरत होती है।

खेत में नमक का छिड़काव करने पर फसल को रोगों से बताया जा सकता है। हालांकि लगातार इसका छिड़काव करने से यह जमीन के लिए घातक साबित होता है। उपजाऊ मिट्टी को बंजारा बनने लगता है इसका सीधा कर हमारी फसल उत्पादन पर पड़ेगा। मिट्टी का पीएच लेवल बढ़ जाता तथा जमीन में लवानिया तत्वों की मात्रा अधिक हो जाती है।

इसलिए आवश्यक है की फसल में किसी भी तरह का रसायन या कीटनाशक प्रयोग करने से पहले कृषि वैज्ञानिक से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई  मात्रा के अनुसार ही सभी खाद में कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए।

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