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Rajasthan : राजस्थान में सरसों, लहसुन और गेहूं का उत्पादन घटा, आटे से लेकर तेल के दाम बढ़ने के आसार

Rajasthan News :इस बार मौसम की मार से प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। प्रतिकूल मौसम के कारण सभी फसलों के उत्पादन में 10 से 40 फीसदी तक की गिरावट आई है। लहसुन का सबसे ज्यादा उत्पादन 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रह गया है। वहीं, गेहूं का उत्पादन 6 क्विंटल, चना और धनिया का उत्पादन 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर घटा है।
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Rajasthan : राजस्थान में सरसों, लहसुन और गेहूं का उत्पादन घटा, आटे से लेकर तेल के दाम बढ़ने के आसार

Rajasthan News : इस बार मौसम की मार से प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। प्रतिकूल मौसम के कारण सभी फसलों के उत्पादन में 10 से 40 फीसदी तक की गिरावट आई है। लहसुन का सबसे ज्यादा उत्पादन 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रह गया है। वहीं, गेहूं का उत्पादन 6 क्विंटल, चना और धनिया का उत्पादन 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर घटा है। यही हाल अन्य फसलों का भी है। जिससे आटे और तेल के दाम ऊंचे बने रहेंगे। लहसुन और धनिया के दाम इस साल भी ऊंचे बने रहने के आसार हैं। 

इस बार इन प्रमुख फसलों के उत्पादन में गिरावट आई है

गेहूं: प्रदेश में 30.77 लाख 843 हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई। पिछली बार 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ था। इस बार घटकर 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रह गया। 1 करोड़ 20 लाख 83 हजार मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है।

सरसों: का प्रदेश में 39.41 लाख 928 हेक्टेयर में उत्पादन हुआ है। लेकिन बुवाई हुई। इसका उत्पादन 1 हेक्टेयर से 62.56 लाख 823 मीट्रिक टन हुआ। औसत 15 क्विंटल रहा। जबकि, 18 क्विंटल रह गया।

चना: 18 लाख 14 हजार 034 हेक्टेयर में बुवाई हुई। उत्पादन 22 लाख 34 हजार 212 मीट्रिक टन हुआ है। जबकि, 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा है, यह 18 क्विंटल तक रह गया है।

लहसुन : कोटा संभाग में 21,834 हेक्टेयर में 1.79 लाख 760 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। 1 हेक्टेयर में 82 क्विंटल होता है, लेकिन पहले 60 क्विंटल होता था।

धनिया: कोटा संभाग में 9 हजार 334 हेक्टेयर में 12 हजार 132 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है। प्रति हेक्टेयर 13 क्विंटल उत्पादन होता है। इस बार 7 क्विंटल तक उत्पादन हुआ है।

इस कारण उत्पादन में कमी आई

प्रकाश संश्लेषण: इस बार जनवरी में 10 दिन तक घना कोहरा रहा। फैलाव कमजोर रहा।

फफूंद: नम धनिया और लहसुन में फफूंद रोग लग गया। जिसके कारण दोनों की गंध और सुगंध कमजोर रही।

तापमान में अंतर: गेहूं का बाली के दौरान दिन और रात के तापमान में बहुत अंतर था। सरसों में भी ऐसी ही स्थिति थी। जिसके कारण ये पौधे तनाव में आ गए।

बाजार का गणित गड़बड़ा जाएगा

देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। लहसुन और धनिया हाड़ौती में ही बहुतायत में होता है। सरसों प्रदेश में उगाई जाती है। कम उत्पादन से कीमतों पर असर पड़ेगा। इनके दाम बढ़ेंगे। आटा, तेल, धनिया और लहसुन भी होंगे। हालांकि, दूसरे राज्यों का उत्पादन भी प्रभावित होगा।
 

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