Rajasthan : सोयाबीन की जगह धान का रकबा बढ़ाने के लिए नहर खोलना जरूरी, किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी
Kota Rajasthan News : जिले में सोयाबीन की जगह धान का रकबा बढ़ाने के लिए बैराज से निकलने वाली दायीं व बायीं नहरों में 1 जुलाई से पानी छोड़ना जरूरी है। इस संबंध में चंबल परियोजना समिति की बैठक में प्रस्ताव लाया गया है। आगे की कार्रवाई सीएडी प्रशासन को करनी है।
यह बात चंबल परियोजना समिति के अध्यक्ष सुनील गालव ने के द्वारा बताई गई, अध्यक्ष सुनील गालव ने कहा कि किसानों ने जुताई कर खेत तैयार कर लिए हैं। इस मौसम में सोयाबीन व धान की फसल होती है। लेकिन अगर ज्यादा बारिश हुई तो सोयाबीन गलने लगती है।
बारिश अच्छी होगी
इस बार मौसम वैज्ञानिक कह रहे हैं कि बारिश अच्छी होगी। जिससे किसान उत्साहित हैं। कई किसानों ने सोयाबीन की जगह धान की फसल लगाने का मन बना लिया है। किसानों की मांग को देखते हुए धान की फसल के लिए नहरों में पानी छोड़ना पड़ेगा। पिछले साल बारिश देरी से हुई थी। किसानों ने सोयाबीन और धान की फसल लगाई थी। ऐसे में 15 जुलाई को नहरों में पानी छोड़ा गया। जिससे फसल प्रभावित होने लगी। इसे देखते हुए जुलाई से नहरों में पानी छोड़ने का प्रस्ताव लिया गया है। जिले में धान का रकबा बढ़ने से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
समिति की बैठक में निर्देश दिए
30 जून तक नहरों की सफाई और मरम्मत पूरी करने के निर्देश गैलवे ने बताया कि समिति की बैठक में सीएडी उपखंड एक्सईएन को जून के अंतिम सप्ताह तक सफाई और डैमेज की मरम्मत पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद कई जगहों पर नहरों की सफाई का काम पूरा नहीं हो पाया है। नहरों की मरम्मत का काम भी धीमी गति से चल रहा है। माइनरों में कचरा पड़ा हुआ है।