एमएसपी बढ़ने से दाल-दलहन की बुआई में बढ़ोतरी की उम्मीद
Pulses Price : सरकार घरेलू संभाग में दलहन की आपूर्ति और उपलब्धता बढ़ाने के लिए पिछले कई महीनों से लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान विदेशों से दलहन का आयात भी तेजी से बढ़ा और काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।
Pulses Price : सरकार घरेलू संभाग में दलहन की आपूर्ति और उपलब्धता बढ़ाने के लिए पिछले कई महीनों से लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान विदेशों से दलहन का आयात भी तेजी से बढ़ा और काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।
सरकार स्वदेशी स्रोतों से दलहन का उत्पादन बढ़ाकर आत्मनिर्भरता हासिल करना चाहती है और इसके लिए दलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। चालू खरीफ सीजन 2024-25 के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 7.9 प्रतिशत बढ़ाकर 7550 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द का समर्थन मूल्य 6.5 प्रतिशत बढ़ाकर 7400 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1.4 प्रतिशत बढ़ाकर 8682 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। पिछले दो वर्षों में मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अच्छी वृद्धि हुई थी, इसलिए इस बार इसमें कमी की गई है।
वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष तुअर का समर्थन मूल्य 7000 रुपए प्रति क्विंटल तथा उड़द का समर्थन मूल्य 6900 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था। दालों के दाम पिछले डेढ़-दो वर्षों से आम आदमी तथा सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं, क्योंकि इसकी वृद्धि को रोकने के लिए कोई भी प्रयास अब तक कारगर साबित नहीं हुआ है। कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया से बड़ी मात्रा में दालों का आयात किया जा रहा है।
म्यांमार से उड़द तथा तुअर, अफ्रीकी देशों से तुअर तथा रूस तथा कनाडा से पीली मटर का आयात जारी है। अब देसी चने का आयात भी 31 अक्टूबर तक शुल्क मुक्त कर दिया गया है, लेकिन फिर भी दालों के घरेलू बाजार भाव में नरमी के कोई संकेत नहीं हैं। खरीफ दलहन फसलों की बुवाई शुरू हो गई है। दालों का बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक है इसलिए किसानों को इसकी बुवाई का रकबा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।