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अनाज, दाल और सब्जियों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी, महंगा हुआ तड़का

Food Inflation : देश महंगाई का हाल ये है सब्जियों से लेकर खाने पीने की सभी वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। दामों के बढ़ने से आम जनता की का बजट रसोई बढ़ गया है।

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अनाज, दाल और सब्जियों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी, महंगा हुआ तड़का 

Food Inflation : अनाज, दाल, सब्जी और फलों समेत लगभग सभी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से खुदरा महंगाई 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जबकि खाद्य महंगाई 7 महीने में सबसे ज्यादा बढ़ी। सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में खुदरा महंगाई दर जून में 5.08% पर पहुंच गई जो मई में 4.75% थी।

खाद्य महंगाई भी मई के 8.69% से बढ़कर जून में 9.36% हो गई, जो दिसंबर 2023 के बाद सबसे ज्यादा है। अनाज, सब्जी और दालों की महंगाई लोगों को परेशान कर रही है। सालाना आधार पर दालों की कीमतों में 17% और सब्जियों की कीमतों में 20% की बढ़ोतरी हुई है। खाद्य महंगाई बढ़ने से जल्द ही EMI कम हो सकती है। 

खुदरा और खाद्य महंगाई बढ़ी

उम्मीदें धूमिल होने लगी हैं। RBI गवर्नर शक्तिकांत ने गुरुवार को कहा था कि आर्थिक माहौल में अस्थिरता और महंगाई दर 5% के करीब होने के कारण ब्याज दरों में कटौती की बात करना अभी जल्दबाजी होगी। हालांकि, देश के औद्योगिक उत्पादन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। मई में देश का औद्योगिक उत्पादन 5.9% बढ़ा।  मई में ऐसे बढ़ा औद्योगिक उत्पादन

मई 2024 के मुकाबले जून में वस्तुओं की महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई, जबकि खुदरा महंगाई दर में मासिक आधार पर 1.33% की बढ़ोतरी हुई। देश का अब तक का उच्चतम स्तर $657.15 बिलियन और विदेशी मुद्रा भंडार, स्वर्ण भंडार भी $904 मिलियन बढ़कर $57.43 बिलियन हो गया।

और ज्यादा बढ़ सकते हैं टमाटर, आलू व हरी सब्जियों के दाम

आने वाले समय में टमाटर, आलू और हरी सब्जियों के दाम और बढ़ सकते हैं। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में बारिश से फसलें बर्बाद हो रही हैं। किसानों का कहना है कि मुरादाबाद क्षेत्र में फसलें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। किसानों ने बताया, टमाटर के खेतों में पानी भर जाने से पौधे सड़ रहे हैं। इससे किसान अन्य फसलों की खेती के लिए टमाटर की फसल उखाड़ रहे हैं। इससे पहले भीषण गर्मी से फसलें बर्बाद हुईं थीं। किसानों का कहना है कि गर्मी में उन्हें टमाटर की सही कीमतें नहीं मिली थीं। अब जब कीमतें अच्छी हैं तो बारिश ने उस पर पानी फेर दिया।

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