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हरियाणा में कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप, 30-40 प्रतिशत फसल हुई बर्बाद

गुलाबी सुंडी और भीषण गर्मी से हो रहे फसल के नुकसान को यह लगातार तीसरा साल है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और आसपास के लगते इलाकों के करीबन 70 फ़ीसदी हिस्से में कपास की खेती की जाती है।
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हरियाणा में कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप, 30-40 प्रतिशत फसल हुई बर्बाद

Pink Bollworm Attack on Cotton : हरियाणा के नरमा उत्पादक किसानों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। भीषण गर्मी की मार झेलने के बाद नरमा की फसल अब गुलाबी सुंडी से घिर गई है। इसी के चलते हरियाणा के नरम उत्पादक जिले हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और भिवानी के किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन में किसानों को फसल में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

गुलाबी सुंडी और भीषण गर्मी से हो रहे फसल के नुकसान को यह लगातार तीसरा साल है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और आसपास के लगते इलाकों के करीबन 70 फ़ीसदी हिस्से में कपास की खेती की जाती है। इसके साथ-साथ भीषण गर्मी से भी कपास की फसल में 30 से 40% नुकसान देखने को मिला है।

सिरसा के नाथसुरी चोपटा ब्लॉक के किसान दलबीर सिंह ने बताया कि कपास की फसलों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी एक एकड़ में खड़ी कपास की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है।

कृषि अधिकारियों की सलाह

एक किसान ने गुलाबी सुंडी के चलते जब कृषि अधिकारियों से बात की तो उन्होंने स्प्रे का इस्तेमाल करने की सलाह दी। किसान का कहना है कि कपास की फसल में स्प्रे करना अभी जल्दी होगा। सिरसा जिला के कृषि अधिकारी ने बताया कि उन्हें गुलाबी सुंडी होने की रिपोर्ट मिली है। उन्होंने बताया कि पौधे फूलने की अवस्था में होते हैं जब सुंडी सतह पर आती है। सिरसा कृषि अनुसंधान केंद्र की टीम ने कई खेतों में दौरा किया है और किसानों को कपास के पुराने पौधो की लकड़ियों को नष्ट करने की सलाह दी है।

भुगतना पड़ रहा है नुकसान

कृषि अधिकारियों ने बताया कि किसानों को दी गई सलाह को नजरअंदाज करना भारी पड़ रहा है। इसी वजह से गुलाबी सुंडी सतह पर आ गई है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान की सीमा से लगते इलाकों में सुंडी की रिपोर्ट मिली है। राजस्थान में पिछले साल गुलाबी सुंडी के प्रकोप की वजह से भारी नुकसान देखने को मिला था। इसी वजह से शुरुआती चरण में राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में सुंडी सतह पर आ गई है और हरियाणा में राजस्थान के लगता कई इलाकों में फैल रही है।

कृषि अधिकारी डॉक्टर कमल सिंह ने बताया कि गर्मी का प्रकोप लंबे समय से चल रहा है। जिससे कपास के पौधों में भारी नुकसान देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि अमूमन प्रति एकड़ करीबन 6000 से 8000 पौधे होते हैं। लेकिन इश्क इस साल गर्मी से हुए नुकसान की वजह से प्रति एकड़ इनकी संख्या 4000 रह गई है।

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