नाशपाती की खेती किसानों के लिए बेहतर आमदनी का विकल्प, कम ख़र्च में मिलेगा ज्यादा मुनाफा
Nashpati Ki Kheti :परंपरागत खेती की बजाए बागवानी खेती है किसानों के लिए वरदान साबित, बागवानी की खेती कम खर्चे में अधिक मुनाफा देने वाली खेती है। किसान नाशपाती की खेती करते हैं तो नाशपाती में कम पानी और पेस्टिसाइड का खर्च कम होता है।
Earning From Pear Farming : उत्तर प्रदेश के जिले बागपत में एक किसान नाशपाती की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहा है. किसान ने 10 बीघा भूमि में नाशपाती बाग लगा रखा है, जिससे उसे हर वर्ष तकरीबन डेढ़ से 2 लाख रुपये की आमदनी होती है. नाशपाती की बागवानी फसल में सिंचाई का खर्च बहुत कम होता है. इसमें बीमारी भी बहुत कम आती है, जिससे खर्चा बच किसान को और ज्यादा मुनाफा मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती है. यह किसान 4 सालों से नाशपाती की बागवानी खेती कर रहा है.
उत्तर प्रदेश के किसान ने बताया कि वह पहले गन्ना ,धान और आम की बागवानी करते थे. कम आमदनी के चलते उन्होंने कुछ अलग करने का सोचा. और अपने दोस्त के सुझाव के बाद नाशपाती की बागवानी शुरू की. इसमें पानी का खर्च कम और कीट लगने की संभावनाएं कम होने के चलते किसान को अच्छा मुनाफा मिलने लगा.
एक पेड़ लगभग 30 साल तक देता है फल
किसान ने बताया कि उन्होंने 4 साल पहले नाशपती की फसल लगाई थी. यह पौधे पूरी तरह तैयार हो गए और अब इनसे फल आने शुरू हो गए है. यह एक एसी बागवानी खेती है, जिसको एक बार लगाने के बाद करीब 25 से 30 साल तक इसका पेड़ फल देता है. इससे आमदनी अच्छी होती है. वह करीब 10 बीघा पर इसकी बागवानी कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है. सालाना करीब डेढ़ से दो लाख तक का मुनाफा होता है.
इसमें पानी और अन्य पेस्टिसाइड दवाइयां भी कम ही इस्तेमाल की जाती हैं, जिससे और भी मुनाफे की संभावना बढ़ जाती है. नाशपाती फिलहाल 70 से 80 रुपये किलो का भाव मार्केट में है, जिससे किसान को और भी अधिक मुनाफा मिल रहा है. किसान ने बताया कि उसके आसपास आने वाली मंडियों में नाशपाती के काफी अच्छी मांग है, और रेट भी अच्छा मिलता है.