Paddy Seeds : इस तरीके से करें धान के असली बीज की पहचान, बंपर होगा उत्पादन
Top Five Varieties Of Paddy : धान की फसल को बोलने से पहले अपने क्षेत्र के जलवायु और सिंचाई के साधनों को ध्यान में रखना चाहिए। अपने क्षेत्र की मिट्टी और जल भराव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए फसल के बीज का चयन करें। धान की बहुत सी ऐसी किस्म आती है जो कम पानी वाले क्षेत्र में उगाई जा सकती है।
Paddy Seeds : देश में धान की खेती का समय आ चुका है। धान की फसल के लिए किसान खेत तैयार कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के एक्सपर्ट का कहना है कि धान की फसल बोने से पहले नर्सरी तैयार कर ले। नर्सरी तैयार करने के लिए बी खरीदते समय कई जरूरी सावधानियां बरतनी आवश्यक है। किसी भी किस्म का चयन करते समय अपने क्षेत्र की जलवायु और सिंचाई की स्थिति का जरूर आकलन कर लें।
इलाके की जलवायु
धान की फसल को बोलने से पहले अपने क्षेत्र के जलवायु और सिंचाई के साधनों को ध्यान में रखना चाहिए। अपने क्षेत्र की मिट्टी और जल भराव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए फसल के बीज का चयन करें। धान की बहुत सी ऐसी किस्म आती है जो कम पानी वाले क्षेत्र में उगाई जा सकती है। जल भराव की स्थिति में अच्छा उत्पादन लेने के लिए भी कई किस्म का चयन किया जा सकता है।
समय का सही प्रयोग
धान की फसल को तैयार होने में करीबन 110 से 140 दिन का समय लगता है। धान की फसल पर किसानों का अच्छा खासा खर्चा आ जाता है। इसके लिए जरूरी है कि वह किसी प्रमाणित स्थान से ही बी खरीदें और नकली बीज से बचें। जिससे आपको आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। बीज खरीदते समय कभी भी बंद पैकेट लेकर घर न पहुंचे। पैकेट को अच्छी तरह खोलकर उसमें देख ले की दाने काले या फिर सड़े हुए तो नहीं हैं। बीच में नमी ज्यादा ना हो वरना जमाव प्रभावित हो सकता है। अगर धान के बीज में आपको दाने चोटे-बड़े दिखाई दे रहे हैं, तो ऐसे बीज को कभी भी ना खरीदे।
बीज को अच्छी तरह साफ कर ले
धान की गुणवत्ता को चेक करने के लिए किसी लैब की जरूरत नहीं पड़ती। बीज को नर्सरी में डालने से पहले पानी में नमक मिलाकर धान के बीज को डालें। पानी का घनत्व बढ़ जाने के कारण हल्के और खाली दाने तरकर ऊपर आ जाएंगे। जिन्हें आप आसानी से बाहर निकाल सकते हैं। फिर बचे हुए बीज को साफ पानी से धोकर नर्सरी के लिए तैयार कर ले।
दुकानदार से बीज खरीदते समय पक्का बिल जरूर लेना चाहिए। कई बार दुकानदार अधिक उत्पादन का वादा करके किसानों को नकली बीज बेच देते हैं। अगर किसान के पास पक्का बिल होगा, तो वह भविष्य में नकली बीज पर क्लेम कर सकता है।