प्याज की बढ़ी डिमांड, आलू में दिखा मंदी का माहौल
Saral Kisan, MP News : इंदौर की स्थानीय मंडी में मांग के चलते प्याज के भाव में सुधार आया है। महाराष्ट्र से प्याज की आवक नगण्य है। आसपास के जिलों से आने वाला अच्छी क्वालिटी का माल 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक बिका। आवक कम होने से लहसुन के भाव ऊंचे रहे, वहीं कमजोर उठाव के कारण आलू की आवक प्रभावित रही। आगामी त्योहारों में मांग बढ़ने की उम्मीद में किसान कम भाव से चिंतित नहीं हैं। आलू की आवक 6 हजार, प्याज की आवक 25 हजार रुपए और लहसुन की आवक मात्र 5 हजार बोरी रही।
आलू चिप्स 2100 से 2200 ज्योति 2100 से 2300 एवरेज 1700 से 1800 गुल्ला 1600 से 1700 आगरा 1700 से 1800 प्याज महाराष्ट्र 1800 से 1900 लोकल 1900 से 2000 एवरेज 1500 से 1600 गोलटी 900 से 1000 लहसुन सुपर बोल्ड 14000 से 16000 बोल्ड 11500 रुपए 14000, एवरेज 10000 से 12000 रुपए, बारीक 8000 से 11000 रुपए प्रति क्विंटल
तवा नदी अपनी रेत के साथ तरबूज, खरबूजा के साथ-साथ हरी सब्जियों के लिए भी उपयोगी हो गई है
नर्मदापुरम एक तरफ सूरज आग उगल रहा है। नर्मदापुरम खीरे के लिए है, वहीं तवा नदी अपनी रेत के साथ तरबूज, खरबूजा के साथ-साथ हरी सब्जियों के लिए भी उपयोगी हो गई है। पान की रेत की तरह यहां उगाई जाने वाली सब्जियां भी बेहतरीन गुणवत्ता वाली हैं। तवा नदी के किनारे मानेगांव से बांद्राभान तक करीब 25 किलोमीटर के क्षेत्र में सैकड़ों किसान हैं। यहां की आजीविका का स्रोत रेत है। इस रेत में गोबर की खाद मिलाकर इसे अत्यधिक उपजाऊ बनाने के बाद गिलकी, लौकी, कद्दू, करेला, खीरा, भिंडी और टिंडा की भरपूर फसल भी ली जाती है। सब्जी आपूर्तिकर्ता जाहिद खान बताते हैं कि तवा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण मानसून के चार महीनों में यहां सब्जियों का उत्पादन नहीं होता है।
यहां से साल भर भोपाल, ग्वालियर, झांसी, आगरा और दिल्ली तक सब्जियां सप्लाई होती हैं। यहां से इस भीषण गर्मी में भी 40 से 50 गाड़ियां भोपाल सप्लाई होती हैं। एक गाड़ी में तीन टन तक माल होता है। इसके अलावा नदी किनारे के बगीचों से भी इन दिनों आम और कटहल की सप्लाई हो रही है।