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मुजफ्फरपुर का किसान कर रहा चर्चित फल की खेती, हड्डी रोग दूर करने में कारगर ये फ्रूट

Unique Fruit In Bihar : बिहार के किसान हर दिन अलग-अलग तकनीक से खेती और बागवानी करते हैं, जो आज की दुनिया में बहुत ज्यादा पॉपुलर हो रही है। इसी दौरान, मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध किसान रामकिशोर सिंह ने फिर से एक बार अपने बागों में कमरख फल की बिजाई की है। काफी ज्यादा मात्रा में लोग इसे खरीदने के लिए आ रहे हैं, ताकि वह भी अपने बागों में इस फल को लगा सके।
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मुजफ्फरपुर का किसान कर रहा चर्चित फल की खेती, हड्डी रोग दूर करने में कारगर ये फ्रूट

Bihar News : बिहार के किसान हर दिन अलग-अलग तकनीक से खेती और बागवानी करते हैं, जो आज की दुनिया में बहुत ज्यादा पॉपुलर हो रही है। इसी दौरान, मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध किसान रामकिशोर सिंह ने फिर से एक बार अपने बागों में कमरख फल की बिजाई की है।

यह फल अपनी विशिष्ट खूबियों और स्वास्थ्य से भरपूर होने की वजह से हड्डियों के रोगियों और अन्य रोगियों के लिए बहुत अच्छा होता है। जिले भर में इस स्टार फ्रूट फल की चर्चा बहुत हो रही है, जोकि बंगाल और वर्षा वन के इलाके में पाया जाता है. काफी ज्यादा मात्रा में लोग इसे खरीदने के लिए आ रहे हैं, ताकि वह भी अपने बागों में इस फल को लगा सके।

भूमध्य सागरीय वर्षा वन और ट्रॉपिकल क्षेत्र में पाए जाने वाले इस स्टार फ्रूट के बारे में आम लोगों को बहुत कम पता है। यह फल बहुत ही ज्यादा गुणकारी और किफायती भी होता है, इसकी जानकारी, किसान राम किशोर सिंह ने मीडिया को देते हुए बताया कि वे फल को बंगाल के कोस्टल रीजन से लेकर आए थे।

इन पोषक तत्वों से होता है, भरपूर

इस फल में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, विटामिन और कई खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डी और पोषक तत्वों की कमी होने पर इसको पूरा करते है। इस पौधे को लगाने से बहुत अच्छे रिजल्ट प्राप्त होते है। इस पौधे को बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तरी उत्तर प्रदेश में आसानी से लगाया जा सकता है और यह किस्म साल में दो बार फल देती है। इसके फल को सीधे खाया जा सकता है क्योंकि इसमें 80% पानी मौजूद होता है।

किसान रामकिशोर ने इसके बाद मीडिया को बताया कि सिर्फ 100 रुपए में इस फल के पौधे को खरीदने से लेकर लगाया जा सकता है। यह पौधा 3 वर्ष में बिल्कुल तैयार होकर फल देने लगता है। इस पौधे पर हरे रंग का फल लगता है, जोकि पकने के बाद नारंगी और पीले रंग का हो जाता है।

एक साल में मिलता है, दो बार फल

इस फल को आसानी से खाया जा सकता है। यह बहुत ही पौष्टिक है और इसके पौधे को लगाने के बाद जैविक खाद से तैयार किया जा सकता है। यह पौधे बहुत ही कम ख़र्च में तैयार हो सकता है। इस फलदार पौधे पर साल में दो बार फल आते हैं, जोकि जुलाई-अगस्त और दिसंबर-जनवरी के समय में आते हैं। इस पौधे पर हर सीजन में 10 किलोग्राम फल आते हैं, जो की 1 साल में 20 किलोग्राम फल का उत्पादन करके देता है।

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