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राजस्थान में सरसों की बिजाई 2 लाख हेक्टेयर घटी, देशभर में कुल बजाई बढ़त की तरफ

Sarson Ki Bijai : सरसों की बुवाई चालू रबी में थोड़ी बढ़कर 1 दिसंबर तक 84.26 हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले इस समय तक इसकी बुवाई 83.71 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। हरियाणा में सरसों की बुवाई बढ़कर चालू रबी में 7.17 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की सम्मान अवधि के 7.10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।
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Mustard sowing decreased by 2 lakh hectares in Rajasthan, total sowing across the country is on the rise

Saral Kisan : तेल मिलों की सीमित मांग बनी रहने के कारण घरेलू बाजार में शनिवार को सरसों की कीमतें स्थिर हो गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5,975 प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बन रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक का वक्त घटकर 3.50 लाख बोरियों की हुई।

व्यापारियों के अनुसार विश्व बाजार में चालू सप्ताह के अंत में खाद्य तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा था, इस दौरान जहां मलेशिया में पाम तेल की कीमतों में गिरावट आई थी, वही शिकागो में शाम के सत्र में सोया तेल वायदा अनुबंध में हल्का सुधार आया था। घरेलू बाजार में सरसों तेल की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई, जबकि सरसों खल के दाम स्थिर हो गए।

हरियाणा में सरसों की बुवाई बढ़ी

सरसों की बुवाई चालू रबी में थोड़ी बढ़कर 1 दिसंबर तक 84.26 हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले इस समय तक इसकी बुवाई 83.71 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। हरियाणा में सरसों की बुवाई बढ़कर चालू रबी में 7.17 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की सम्मान अवधि के 7.10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।

राजस्थान मैं सरसों की बुवाई घटी

राजस्थान में चालू रबी में सरसों की बुवाई घटकर 35.76 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 37.96 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश में चालू रबी में सरसों की बुवाई 16.88 लाख हेक्टेयर में और पश्चिम बंगाल में 4.41 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इन राज्यों में क्रमशः 12.43 और 4.54 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी उत्पादक मंडियों  में सरसों की दैनिक आवकों में कमी आई है, लेकिन प्रमुख उत्पादक राज्यों में इसका बकाया स्टॉक अभी भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इसलिए सरसों की दैनिक आवक अभी बनी रहने का अनुमान है सर्दियों का सीजन होने के कारण सरसों तेल में मांग बनी रहेगी, लेकिन इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्य तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतें शनिवार को लगातार तीसरे दिन कमजोर हो गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव ₹2 कमजोर होकर दाम 1,085 रुपए प्रति 10 किलो रह गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी ₹2 घटकर 1,075 रुपए प्रति 10 किलो बोले गए। जयपुर में शनिवार को सरसों खल के दाम 3,025 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए

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