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राजस्थान में 6100 रुपए क्विंटल तक पंहुचा सरसों का भाव, तेल भी हुआ महंगा

Sarson Bhav :पिछले काफी दिनों से सरसों के भाव में कोई अच्छी तेजी नहीं थी, जिस कारण किसानों को सरसों के दाम कब मिल रहे थे, अभी मंडी में  सरसों में आई जबरदस्त उछाल 6100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही सरसों  जिस कारण किसानों के चेहरों पर आई ख़ुशी की लहर। 

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राजस्थान में 6100 रुपए क्विंटल तक पंहुचा सरसों का भाव, तेल भी हुआ महंगा

Saral Kisan, Sarson Ka Rate : राजस्थान में धौलपुर मंडी में सरसों में आया जबरदस्त उछाल. एकदम भाव में   उछाल आने से किसानो के चेहरे पर आई खुशी की लहर, सरसों के भाव में उछाल आने के कारण  जिन किसानों ने सरसों अभी तक बेची नहीं स्टॉक कर रखी है उनको होगा अच्छा फायदा और साथ ही व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि ज्यादातर व्यापारी सरसों की खरीदारी करें  स्टॉक लगा लेते हैं बाद में बाहों में तेजी होने पर स्टॉक को बेच देते हैं। पिछले एक हफ्ता से लगातार सरसों के भाव में हो रहे उछाल ने किसने और व्यापारियों को चौंका कर रख दिया है, मंडी में सरसों के भाव में 600 रुपए से लेकर 700 रुपए प्रति क्विंटल तक का उछाल आ गया है।

मंडी में सरसों की अच्छी हो रही आवक 

राजस्थान में धौलपुर मंडी में तकरीबन एक हफ्ते पहले 42 प्रतिशत तेल के कंडीशन वाली सरसों का भाव 5300 से लेकर 5400 रुपए क्विंटल था। इस सप्ताह में सरसों के भाव समर्थन मूल्य  5650 रुपए से छलांग लगते हुए 6100 रुपए प्रति क्विंटल तक बिकी, और 44 प्रतिशत तेल कंडीशन वाली सरसों के भाव 5820 रुपए प्रति क्विंटल रहे हैं। मंडी में रोज 1000 बोरी से ऊपर सरसों की आवक हो रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह तेजी आने वाले दिनों में भी बनी रहेगी। ऐसे में उन्हें मंडी में समर्थन मूल्य से अधिक भाव मिल सकते हैं। मंडी में सरसों के दामों में एक साथ आई उछाल से आढ़तिए भी खुश हैं। आढ़तियों का मानना है कि मंडी में 6100 रुपए के दाम मिलने के चलते किसान समर्थन मूल्य के बजाए सीधे मंडी में फसल बिक्री कर रहा है। उसके नकद भुगतान भी मिल रहा है। दूसरी ओर सरसों के दाम में आई इस तेजी से बाजार में सरसों तेल के दाम भी लगातार बढ़ोत्तरी होना शुरू हो गया है। शुक्रवार को सरसों का तेल 130 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है। जो कि गत कुछ दिनों पूर्व 110 रुपए ही था। इसी तरह तेल के दामों में भी तेजी हो रही है।

सरकारी खरीद केन्द्र पर सन्नाटा

राजस्थान की मंडी में सरकारी क्रय-विक्रय पर फिर एक सप्ताह से सन्नाटा पसरा हुआ है। मंडी में समर्थन मूल्य  से ज्यादा भाव मिलने से किसानों पंजीकरण कराने के बाद भी सरकारी क्रय-विक्रय केन्द्र पर अपनी फसल नहीं बेच रहे है। सरकारी खरीद केन्द्र प्रभारी ने बताया कि 17 मई को आखरी बार केन्द्र पर सरसों की तुलाई हुई थी। उस दिन 5 किसानों ने एक सो क्विंटल सरसों बिक्री की थी। उसके बाद किसानों ने सरकारी खरीद केन्द्र पर अपनी फसल बेचने के लिए बंद कर दी। सहकारी खरीद केन्द्र पर MSP  पर सरसों बेचने के लिए 589 किसानों ने पंजीकरण कराया था। जिसमें से 363 किसान सरसों की बिक्री कर चुके है। जिसमें अब तक सात हजार पाँच सो तीन क्विंटल सरसों खरीदी जा चुकी है।

डिमांड पूरी ना होने पर आई तेजी

मंडी में व्ययपारियो और आढ़तियों का कहना है कि बीते कुछ दिनों में सरसों के दाम 10 प्रतिशत तक बढ़े हैं। इसके पीछे बड़ा कारण सोयाबीन के उत्पादक देश ब्राजील में बाढ़ आना है, जिस कारण विदेश में भी भाव बढ़े हैं। वहां से भारत में भी तेल का आयात होता है। आयात प्रभावित होने से लोकल तेल की भी डिमांड बढ़ी है। इसके अलावा इस बार सरसों की बंपर पैदावार की बात कही जा रही थी, लेकिन अब लग रहा है कि पैदावार अनुमान से 20 प्रतिशत कम हुई है। आढ़तियों के अनुसार यह तेजी आगे भी जारी रहने का अनुमान है।

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