Wheat Bhav: गेहूं के भावों में आया जबरदस्त उछाल, जानिए अभी कितना बढेगा रेट
Wheat Bhav : गेहूं के भाव में तेजी आई है। इसकी वजह आवक में कमी को माना जा रहा है। साथ ही गेहूं की मांग मजबूत होने से भाव बढ़ रहा है। कारोबारियों का कहना है कि सरकार जल्द ही खुले बाजार में गेहूं की बिक्री नहीं करेगी तो मूल्य और बढ़ सकता है।
गेहूं की कीमतों में तेजी को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 30 रुपये प्रति किलो के रियायती भाव पर आटा की बिक्री शुरू की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश भर में आटा की औसत खुदरा कीमत 36.95 रुपये प्रति किलो है।
गेहूं के दाम में हुई, वृद्धि
गेहूं के दाम पिछले महीने से धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। दिल्ली में गेहूं की कीमत लगभग 3,200 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच चुकी है। पिछले महीने इसकी कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।
गेहूं की कीमतों में इस वर्ष करीब 13% का इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी में 2,800 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बिक रहा है। 15 दिनों में मूल्य 60 से 80 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा है।
गेहूं की कीमतों में, तेजी का कारण
जानकारों का कहना है कि गेहूं की कीमतों में तेजी आने का मुख्य कारण मंडियों में गेहूं की आवक में कमी है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी में गेहूं कारोबारी संजीव अग्रवाल ने बताया कि गेहूं की बोआई भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में गेहूं की आवक मंडियों में कम हो गई है। पिछले महीने मंडी में 5,000 क्विंटल गेहूं आवक हुआ था। अब यह आंकड़ा 2 से 3 हजार तक गिर गया है।
कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल बताते हैं कि, आवक कम होने से गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं। मंडियों में पिछले महीने लगभग 9.15 लाख टन गेहूं की आवक हुई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 11.35 लाख टन से 20 प्रतिशत कम है। गेहूं की मांग कमी के बावजूद बनी हुई है। इससे गेहूं की कीमतों में भी तेजी आई है।
भविष्य में गेहूं के दाम, बढ़ने की संभावना
बाजार जानकारों का कहना है कि गेहूं की कीमत आने वाले दिनों में कम होने की संभावना बेहद कम है। अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने नेफेड के माध्यम से रियायती भाव पर आटा बेचने की शुरुआत करके गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने का प्रयत्न किया है। लेकिन इससे लागत कम नहीं होगी। गेहूं की कीमतों में आने वाले दिनों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हो सकती है।
पॉल कहते हैं कि गेहूं की कीमतें तब तक नहीं नीचे आएंगी जब तक सरकार खुले बाजार में अपने बड़े भंडार से गेहूं की बिक्री शुरू नहीं करती है।