बिहार में मखाना पैदावार में हुई तगड़ी बढ़ोतरी, किसान हुए मालामाल
Method Of Cltivation Of Makhana : मानसून की बेरुखी के बीच मखाना के रिकॉर्ड उत्पादन ने खुशखबरी दी है। इस साल राज्य में मखाना का उत्पादन और मांग दोनों दोगुना हो गया है। किसान काफी खुश हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पांच साल पहले महज 15 हजार हेक्टेयर में 1 लाख 20 हजार मीट्रिक टन मखाना का उत्पादन हुआ था। इस साल 35,224 हेक्टेयर में 299404 मीट्रिक टन मखाना का उत्पादन हुआ है।
किसानों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मखाना की मांग को देखते हुए उन्होंने तालाब और खेत लीज पर लेकर 20-30 फीसदी अधिक क्षेत्रफल में मखाना की खेती की थी। इसका लाभ उन्हें उत्पादन के रूप में मिला है। राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा के प्रधान वैज्ञानिक इंदु शेखर सिंह कहते हैं कि मई से जुलाई तक तापमान 35-40 डिग्री रहने के कारण मखाना का उत्पादन अधिक होता है।
दरभंगा और मधुबनी के चौर क्षेत्रों में मखाना की खेती अधिक होने के कारण मखाना का उत्पादन अच्छा होता है। मई के अंतिम सप्ताह और मध्य जून में प्री-मानसून बारिश के कारण कल से दो दिवसीय मखाना महोत्सव मखाना किसानों की उपज को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शनिवार से दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
हर साल यह महोत्सव नवंबर में होता था, लेकिन इस साल रिकॉर्ड उत्पादन को देखते हुए इसका आयोजन राजधानी के ज्ञान भवन में किया जाएगा। इसमें मखाना उद्योग से जुड़े उद्यमी, कंपनियां और किसान हिस्सा लेंगे। इसमें किसान अपनी उपज लेकर आएंगे। उनके लिए कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
फसल अच्छी और मजबूत हुई
यह बारिश मखाना की खेती के लिए अमृत के समान है। इसके कारण मखाना का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मखाना की मांग लगातार बढ़ रही है। किसानों को अच्छे मखाना का वाजिब दाम मिल रहा है। किसान तालाब और चनौर की जमीन पट्टे पर लेकर मखाना की खेती करते हैं।