महाराष्ट्र में कपास के बीजों की कालाबाजारी, कृषि विभाग ने 16 टीमें की तैनात
Cotton Seeds Price : भारत देश के कृषि प्रधान देश है, भारत के महाराष्ट्र में कपास की खेती सबसे ज्यादा की जाती है, मानसून का सीजन शुरू होते ही महाराष्ट्र में कपास की बुवाई शुरू कर दी गई है।
Cotton Seeds Maharashtra : भारत देश में किस को हर जगह से लूटा जाता है, किसान बीज खरीद से लेकर फसल बेचने तक लूट पाट में फंसा रहता है, महाराष्ट्र में किसानों की समस्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही, भारत के राज्य महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में अभी कपास की बुवाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे किसान बी के लिए बाजार में लाइन लगे खड़े हैं, बीच बेचने वाले कर रहे किसानों के साथ धोखा।
सीजन के कारण बीज बेचने वाले दुकानदार किसानों को दे रहे दोगुनी रेट पर बीज, इस समस्या को लेकर काफी किसान परेशान है, थोड़े दिन पहले नांदेड़ जिले की हिमायत नगर स्थित नया मोढ़ा में इस तरह की घटना सामने आई थी, हाल ही में अब लोहा तहसील में कृषि केंद्र शसिथल को द्वारा किसानों से ठगी की जा रही है, सीजन के चलते कपास के बीज की मांग बढ़ गई है, बढ़ती हुई मांग का फायदा उठाकर बीज विक्रेता किसानों से ले रहे कर मूल्य से ऊपर दाम
किसानों की बताई आप बीती
किसानों ने बताया की कपास के बीज का सरकारी मुल्य 864 रुपये है, उसे बाज़ार में 1300 रुपये के दाम में दिया जा रहा है. दुकानदारों का कहना है कि माल कम है, इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि उनसे ज्यादा दाम लेकर लूटा जा रहा है. दुकानदार कपास का बीज डबल भाव में बेच रहे हैं. लेकिन रसीद कम भाव की ही दे रहे हैं. ये सब देखने के लिए कोई कृषि विभाग का अधिकारी नहीं आ रहा है.
दिया गया फर्जी बिल
नांदेड जिले के लोहा में कृषि केंद्र संचालक 1300 रुपये में कपास के बीज बेच रहे हैं, जबकि इसका दाम 864 रुपये है. इसके अलावा किसानों को धोखा दे कर निर्धारित मूल्य की रसीद दी जा रही है. कुछ रसीदों में तो कुल रकम भी नहीं लिखी है. कुछ रसीदों में गलत रकम दर्ज की जा रही है. फिलहाल, बीजों के दाम ज्यादा लेने और इसकी हो रही कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला स्तरीय विशेष टीम और कृषि विभाग की 16 टीमें तैनात की गई हैं.
जिला कलेक्टर ने दिया यह निर्देश
कलेक्टर अभिजीत राऊत ने निर्देश दिए हैं कि बाजार में बीज, खाद, कीटनाशकों का गैर कानूनी स्टॉक किया गया या अनाधिकृत रूप से बिक्री करते पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी. ऐसा प्रतीत होता है कि निर्देश केवल प्रचार-प्रसार के लिए किया गया है और जिले में कृषि केंद्र संचालक किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं, लेकिन जिला कृषि विभाग द्वारा केंद्र संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.